रांची: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन मांडू विधायक तिवारी महतो ने सदन के बाहर धरना देकर सरकार के समक्ष अपनी मांगें रखीं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि जनता की सुविधा और क्षेत्रीय विकास को प्राथमिकता दी जानी है, तो चैनपुर और कर्मा को प्रखंड का दर्जा मिलना चाहिए तथा दाड़ी प्रखंड को रामगढ़ जिले में शामिल किया जाना चाहिए।
मांडू विधायक तिवारी महतो की प्रमुख मांगें
विधायक तिवारी महतो ने बताया कि उन्होंने बार-बार अपनी मांगें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समक्ष रखी हैं, लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। उन्होंने कहा कि चैनपुर और कर्मा लंबे समय से प्रखंड गठन की मांग कर रहे हैं, जबकि दाड़ी क्षेत्र के लोग रामगढ़ जिले में शामिल होने की अपेक्षा रखते हैं।
तिवारी महतो ने जोर देकर कहा कि यह सिर्फ राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि जनता की दैनिक समस्याओं और विकास से जुड़ा विषय है।
सदन के बाहर धरना और राजनीतिक संदेश
मानसून सत्र के चौथे और अंतिम दिन विधायक का यह कदम राजनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सदन के बाहर धरना देकर उन्होंने सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की। विधानसभा सत्र में जहां विपक्ष लगातार सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है, वहीं सत्तारूढ़ गठबंधन के ही विधायक का यह रुख सत्र की कार्यवाही के बीच एक अलग संदेश देता है।
क्षेत्रीय विकास और जनता की अपेक्षाएं
रामगढ़ और उसके आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के लोग लंबे समय से प्रखंड पुनर्गठन की मांग उठा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अलग प्रखंड बनने से प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी और लोगों को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि इन मांगों पर सरकार सकारात्मक रुख अपनाती है, तो स्थानीय स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक दोनों ही असर देखने को मिलेंगे।
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