राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ
दिल्ली: न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने सोमवार को भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति भवन में आयोजित सादे और गरिमामयी समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। जस्टिस संजीव खन्ना के नाम की सिफारिश निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ ने की थी, जो 10 नवंबर को 65 वर्ष की आयु में इस पद से सेवानिवृत्त हुए।
कानूनी पृष्ठभूमि और शिक्षा
जस्टिस संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के मॉडर्न स्कूल, बाराखंभा रोड से पूरी की। इसके बाद, 1980 में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और कैंपस लॉ सेंटर (CLC) से कानून की पढ़ाई पूरी की।
कानूनी करियर की शुरुआत
खन्ना तीसरी पीढ़ी के वकील हैं और उनके परिवार का न्यायिक क्षेत्र से गहरा संबंध रहा है। दिल्ली हाई कोर्ट में जज नियुक्त होने से पहले वे वकालत में एक प्रतिष्ठित नाम थे। उनके कुशल नेतृत्व और अद्वितीय न्यायिक दृष्टिकोण के कारण उन्हें सुप्रीम कोर्ट में 18 जनवरी 2019 को न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया।
सुप्रीम कोर्ट में योगदान
जस्टिस खन्ना ने सुप्रीम कोर्ट में लगभग पौने छह वर्षों के दौरान कुल 456 पीठों का हिस्सा बनकर 117 महत्वपूर्ण फैसले लिखे। उन्होंने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कार्यकाल और भविष्य की दृष्टि
जस्टिस खन्ना का कार्यकाल 11 नवंबर 2024 से 13 मई 2025 तक रहेगा, जिसमें वे 6 महीने तक भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में न्यायपालिका का नेतृत्व करेंगे। उनके कार्यकाल से न्यायिक सुधारों और पारदर्शिता में प्रगति की उम्मीद है।