रांची – झारखंड की कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने जानकारी दी है कि रांची की बंद पड़ी बेकन फैक्ट्री को पुनर्जीवित करने की दिशा में तेज़ी से कार्य हो रहा है और इसके लिए बहुत जल्द एक महत्वपूर्ण समझौता (MoU) किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस परियोजना में नेशनल मीट रिसर्च सेंटर ‘नॉलेज पार्टनर’ की भूमिका निभाएगा और फैक्ट्री में लगी पुरानी एवं जर्जर मशीनों को बदला जाएगा।
यह जानकारी उन्होंने नेपाल हाउस में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी, जहाँ उन्होंने राज्य में पशुपालन, मछली पालन, मोती उत्पादन एवं मोटे अनाज पर आधारित योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी।
झारखंड में शूकर पालन को मिलेगा नया बल
मंत्री तिर्की ने बताया कि झारखंड में शूकर पालन से जुड़े लोगों की संख्या बहुत अधिक है। कभी इस फैक्ट्री के कर्मियों को प्रशिक्षण के लिए डेनमार्क तक भेजा गया था। बेकन फैक्ट्री के पुनरुद्धार से न केवल स्थानीय शूकर पालकों को लाभ मिलेगा, बल्कि राज्य में मांस प्रोसेसिंग इकाइयों को नया जीवन मिलेगा। यह पहल स्वरोजगार और कृषि आधारित उद्योगों के लिए एक सकारात्मक कदम मानी जा रही है।
झारखंड में मत्स्य पालन और मोती उत्पादन को मिलेगा बढ़ावा
मंत्री ने बताया कि झारखंड सरकार ने नेशनल फिशरीज डेवलपमेंट बोर्ड के सहयोग से मत्स्य पालन के विकास की योजनाएं तैयार की हैं। इसके साथ ही हजारीबाग ज़िले को मोती उत्पादन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
राज्य के 100 किसानों को प्रशिक्षण के लिए सीआईएफए भुवनेश्वर भेजने की प्रक्रिया शुरू की गई है, जिससे किसान मोती पालन को एक आजीविका विकल्प के रूप में अपना सकें।
राज्य में मोटे अनाज की खेती को मिलेगा प्रोत्साहन
शिल्पी नेहा तिर्की ने बताया कि झारखंड सरकार द्वारा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च (IIMR) के सहयोग से मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। किसानों को 3000 रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है, जिससे उत्पादन में दोगुनी वृद्धि दर्ज की गई है।
इसके साथ ही राज्य में मिलेट कैफेटेरिया खोलने की योजना भी है, जिसके लिए अलग से MoU किया जाएगा। वर्तमान में 40 प्रकार के मिलेट उत्पाद विकसित किए जा रहे हैं, और छोटे-छोटे प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की भी योजना है।
महिला समूहों और एफपीओ को मिलेगा विशेष प्रशिक्षण
रांची के सी पार्क से जुड़े महिला समूहों और एफपीओ को मिलेट आधारित उत्पादों के निर्माण में प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए IIMR से विस्तृत प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है। यह पहल महिला सशक्तिकरण और कृषि-उद्योग में सहभागिता की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है।
तेलंगाना मॉडल से प्रेरणा लेगा झारखंड प्रशासन
अपने 28 से 30 अप्रैल के तेलंगाना दौरे का ज़िक्र करते हुए मंत्री ने कहा कि वहाँ के अधिकारियों की कार्यप्रणाली से उन्हें प्रेरणा मिली है। उन्होंने झारखंड के अधिकारियों से अपील की कि वे भी जवाबदेही और कर्तव्यबोध के साथ कार्य करें, जिससे राज्य का कृषि, पशुपालन और सहकारिता क्षेत्र तेज़ी से आगे बढ़ सके।