पलामू (झारखंड): पलामू जिले के लेस्लीगंज थाना क्षेत्र के ओरिया पंचायत अंतर्गत लोटवा गांव में आर्थिक तंगी के कारण एक दूधमुंहे बच्चे की बिक्री का मामला सामने आया है। इस घटना पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गंभीरता से संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन को तत्काल कार्रवाई का निर्देश दिया।

लोटवा गांव में पैसे की कमी से बच्चे की बिक्री

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, लोटवा गांव के रहने वाले रामचंद्र राम और उनकी पत्नी पिंकी देवी ने गरीबी और पैसे के अभाव में सात दिन पहले जन्मे अपने बच्चे को बेच दिया था। दंपति पहले से ही तीन पुत्र और दो पुत्रियों के माता-पिता हैं और बेहद गरीब परिस्थितियों में झोपड़ी बनाकर गुजारा करते हैं।

बच्चे की बरामदगी और माता-पिता को सौंपा गया

मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद पलामू डीसी ने त्वरित कार्रवाई की। लेस्लीगंज थाना पुलिस ने बच्चे को बरामद कर माता-पिता को सौंप दिया। थाना प्रभारी उत्तम कुमार राय ने बताया कि बच्चे की बिक्री में मध्यस्थता करने वाले चटकपुर निवासी प्रदीप पासवान से पूछताछ की जा रही है।

खरीद-फरोख्त में शामिल लोगों की पहचान

जानकारी के अनुसार, चटकपुर निवासी प्रदीप पासवान के रिश्तेदार जोगिंदर पासवान, जो लातेहार जिले के बहेराटांड़ के रहने वाले हैं, ने संतान की चाह में बच्चे को खरीदा था। आरोप है कि उन्होंने बच्चे के माता-पिता को 50 हजार रुपये दिए थे। हालांकि, यह प्रक्रिया गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया के तहत नहीं की गई।

गरीबी और सरकारी योजनाओं से वंचित परिवार

इस मामले ने सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित परिवारों की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पिंकी देवी और उनके पति के पास न तो राशन कार्ड, न आधार कार्ड और न ही जॉब कार्ड उपलब्ध है। इन दस्तावेजों के अभाव में उन्हें राशन व आवास जैसी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा था।

सीएम हेमंत सोरेन का निर्देश

मुख्यमंत्री ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को सख्त कार्रवाई और पीड़ित परिवार को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का निर्देश दिया है। जिला प्रशासन अब यह सुनिश्चित करने की तैयारी में है कि परिवार को आवश्यक सुविधाएं जल्द से जल्द उपलब्ध कराई जाएं।

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