Ranchi News: झारखंड हाईकोर्ट ने रांची और आसपास के तालाबों व जलाशयों की बिगड़ती स्थिति पर गंभीर रुख अपनाया है। अदालत ने रांची नगर निगम से शपथपत्र के जरिए यह जानकारी मांगी है कि शहर के तालाबों की सफाई, अतिक्रमण हटाने और प्लास्टिक बैन लागू करने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं।

रांची नगर निगम से हाईकोर्ट की सख्त पूछताछ

सुनवाई के दौरान अदालत ने स्पष्ट किया कि बड़ा तालाब, कांके डैम और धुर्वा डैम जैसे प्रमुख जलस्रोतों की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। अदालत ने नगर निगम को यह बताने का आदेश दिया कि गंदगी फैलने से रोकने और प्लास्टिक प्रतिबंध को लागू करने के लिए अब तक कौन-कौन से ठोस उपाय किए गए हैं।

तालाबों के अतिक्रमण पर चिंता

जनहित याचिका में बताया गया है कि रांची के बड़े तालाब और अन्य जलस्रोतों की सैकड़ों एकड़ जमीन पर अवैध रूप से अतिक्रमण किया गया है। यहां मल्टी स्टोरेज बिल्डिंग का निर्माण तेजी से बढ़ रहा है, जिससे जलाशयों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। अदालत ने इस पर गंभीर चिंता जताई है और नगर निगम को जवाब देने का निर्देश दिया है।

हाईकोर्ट ने दो सप्ताह बाद तय की अगली सुनवाई

हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस की बेंच ने साफ किया है कि तालाबों और जलस्रोतों की रक्षा करना सरकार और नगर निगम की जिम्मेदारी है। मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी, जिसमें निगम को विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट और शपथपत्र दाखिल करना होगा।

जनहित याचिका में उठाए गए मुद्दे

खुशबू कटारुका द्वारा दाखिल जनहित याचिका में कहा गया है कि जलाशयों के आसपास तेजी से बढ़ते निर्माण और अवैध कब्जे ने प्राकृतिक संसाधनों पर गहरा असर डाला है। याचिका में मांग की गई है कि जलस्रोतों की रक्षा के लिए कड़े कदम उठाए जाएं और तालाबों की साफ-सफाई के साथ अतिक्रमण पूरी तरह हटाया जाए।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version