रांची : झारखंड में हर साल वज्रपात की घटनाओं से जनहानि और संपत्ति का नुकसान होता है। राज्य सरकार ने लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ‘सचेत’ और ‘दामिनी’ मोबाइल एप के उपयोग को बढ़ावा देने की अपील की है। इन एप्स के जरिए लोगों को वज्रपात का अलर्ट पहले ही मिल जाएगा, जिससे समय रहते सुरक्षित स्थानों पर शरण ली जा सकेगी।

वज्रपात अलर्ट देने वाले एप की विशेषताएं

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) द्वारा विकसित ‘सचेत’ एप एक एकीकृत चेतावनी प्रणाली है। यह भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा जारी Yellow, Orange और Red Alerts की जानकारी मोबाइल नोटिफिकेशन और SMS के माध्यम से भेजता है।

दूसरी ओर, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा विकसित ‘दामिनी’ एप बिजली गिरने की संभावित घटनाओं की जानकारी 20 से 40 किलोमीटर के दायरे में तुरंत देता है। इससे उपयोगकर्ताओं को वज्रपात से 30 से 45 मिनट पहले चेतावनी मिल सकती है।

कैसे करेगा एप वज्रपात से बचाव में मदद

रियल टाइम लोकेशन आधारित अलर्ट प्रदान करता है।

वज्रपात की संभावना होने पर चेतावनी भेजता है।

सुरक्षित स्थान पर जाने का समय देता है।

बारिश, तूफान और अन्य मौसम संबंधी जानकारी भी साझा करता है।

झारखंड सरकार की अपील

राज्य सरकार ने बताया कि इन एप्स का उपयोग अभी भी सीमित है, जिसके कारण कई बार समय पर अलर्ट नहीं मिल पाता। सरकार ने Google Play Store और iOS App Store से Damini App (Lightning Alert) और Sachet App (IMD Alert) डाउनलोड करने की अपील की है।

कब और कैसे मिलेगा अलर्ट

विशेषज्ञों के अनुसार, दामिनी एप वज्रपात से पहले 20-40 किमी की दूरी से अलर्ट भेजता है, जिससे 30-45 मिनट पहले चेतावनी मिल सकती है। वहीं, सचेत एप मौसम की समग्र चेतावनियों को SMS और नोटिफिकेशन के जरिए भेजता है।

क्यों जरूरी है इन एप्स का इस्तेमाल

झारखंड में हर साल सैकड़ों लोग वज्रपात की चपेट में आते हैं। इन एप्स की मदद से लोगों को समय रहते चेतावनी मिल सकती है और जनहानि को रोका जा सकता है। सरकार ने पंचायत स्तर पर भी इन एप्स के प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए हैं।

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