रांची (झारखंड): झारखंड के लातेहार जिले में एक मिशनरी स्कूल में कथित नाबालिग छात्राओं के साथ यौन शोषण के मामले ने अब राजनीतिक रूप ले लिया है। इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों पर सीधे तौर पर आरोप लगाते हुए पॉक्सो कानून की अनदेखी का आरोप लगाया है। पार्टी का कहना है कि न सिर्फ मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है, बल्कि पॉक्सो कोर्ट की निष्क्रियता भी पीड़ितों को न्याय से वंचित कर रही है।
BJP का आरोप: लातेहार यौन शोषण मामले में शिक्षा सचिव और प्रशासन कर रहे लीपापोती
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता अजय साह ने रांची में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि लातेहार यौन शोषण प्रकरण में सरकार के अधिकारी सुनियोजित तरीके से मामले को दबा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षा सचिव और जिला प्रशासन ने अब तक POSCO एक्ट के तहत केस दर्ज नहीं कराया है, जो कानून का उल्लंघन है।
उन्होंने POSCO Act की धारा 19 और 21 का हवाला देते हुए कहा कि यौन शोषण की जानकारी मिलते ही न सिर्फ पुलिस को 24 घंटे के भीतर मामला दर्ज करना होता है, बल्कि यह भी आवश्यक है कि केस चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) और पॉक्सो कोर्ट को सौंपा जाए।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए की सख्त कार्रवाई की मांग
अजय साह ने प्रेस वार्ता में कहा कि ‘शंकर किसनराव खाडे बनाम महाराष्ट्र राज्य’ फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई व्यक्ति यौन हिंसा की सूचना पुलिस को नहीं देता, तो उसके खिलाफ POSCO की धारा 21 के तहत आपराधिक मामला बनता है। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार के अधिकारियों की मौन भूमिका भी कानूनन अपराध की श्रेणी में आती है।
पीड़िता छात्राओं के ऑडियो क्लिप से हुआ खुलासा
बीजेपी प्रवक्ता ने प्रेस वार्ता में एक ऑडियो क्लिप सार्वजनिक की, जिसमें पीड़ित छात्राओं ने कथित तौर पर कहा है कि स्कूल के एक फादर ने पिछले दो वर्षों से उनका यौन शोषण किया है। अजय साह ने यह भी कहा कि यह अपराध कई छात्राओं के साथ हुआ, लेकिन अब तक न तो FIR दर्ज की गई और न ही POSCO कोर्ट में मामला भेजा गया।
POSCO कोर्ट की निष्क्रियता पर उठाए सवाल
भाजपा ने आरोप लगाया कि राज्य में POSCO अदालतें सही तरीके से काम नहीं कर रहीं। अजय साह ने पूछा कि यदि POSCO एक्ट की प्रक्रिया स्पष्ट रूप से तय है, तो एक सप्ताह बीतने के बाद भी POSCO कोर्ट में मामला दाखिल क्यों नहीं हुआ? उन्होंने कहा कि यह न केवल न्याय में देरी है, बल्कि पीड़ितों के साथ एक और अन्याय है।
हाईकोर्ट की निगरानी में जांच और एफआईआर की मांग
BJP ने इस पूरे मामले में झारखंड हाईकोर्ट की “जुवेनाइल जस्टिस कम पॉक्सो कमिटी” की निगरानी में निष्पक्ष जांच की मांग की है। पार्टी का कहना है कि तत्काल FIR दर्ज की जाए और जो भी अधिकारी इस मामले को दबाने में लिप्त हैं, उनके खिलाफ POSCO एक्ट की धारा 21 और भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं के तहत कड़ी कार्रवाई हो।
लातेहार यौन शोषण मामला बना राजनीतिक बहस का केंद्र
यह मामला न केवल झारखंड की कानून व्यवस्था और प्रशासनिक पारदर्शिता पर सवाल उठा रहा है, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बन गया है। विपक्ष लगातार यह मुद्दा उठा रहा है कि हेमंत सरकार ऐसे मामलों में उदासीन रवैया अपना रही है, जिससे बाल अधिकार और महिला सुरक्षा जैसे संवेदनशील विषय खतरे में पड़ रहे हैं।
