शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए जयराम महतो का अभिनव कदम
डुमरी (गिरिडीह): झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) के विधायक जयराम महतो ने डुमरी विधानसभा क्षेत्र में शिक्षा के क्षेत्र में नई मिसाल पेश की है। उन्होंने घोषणा की है कि वे अपनी तीन माह की विधायकी सैलरी का 75 प्रतिशत भाग मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षाओं के टॉप 10 मेधावी छात्रों को प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान करेंगे। यह पहल न केवल छात्रों को प्रोत्साहित करेगी, बल्कि डुमरी को शिक्षा के क्षेत्र में नई पहचान भी दिलाएगी।
MLA Jairam Mahato News: चुनावी वादे को निभाते हुए शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा ऐलान
जयराम महतो ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया था कि वे अपनी सैलरी का बड़ा हिस्सा जनता के कल्याण पर खर्च करेंगे। अब उन्होंने इस वादे को निभाते हुए शिक्षा को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि छात्रों को बेहतर अवसर और प्रेरणा देने से समाज का समग्र विकास संभव है। उनकी यह पहल डुमरी के युवाओं में प्रतिस्पर्धात्मक भावना को बढ़ावा देगी और उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करेगी।
डुमरी में शिक्षा सम्मान समारोह: नावाडीह स्टेडियम में होगा आयोजन
यह शिक्षा सम्मान समारोह 8 जुलाई 2025 को नावाडीह स्टेडियम में आयोजित होगा, जिसमें डुमरी विधानसभा क्षेत्र के टॉप 10 मैट्रिक और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षार्थियों को सम्मानित किया जाएगा। पहले यह कार्यक्रम 7 जुलाई को निर्धारित था, लेकिन राज्यपाल संतोष गंगवार के आने की सहमति के बाद तिथि में परिवर्तन किया गया है।
राज्यपाल की मौजूदगी से बढ़ेगा समारोह का महत्व

इस समारोह में झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। राज्यपाल का किसी नवगठित राजनीतिक दल के विधायक के कार्यक्रम में शामिल होना राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि यह संकेत है कि जयराम महतो की राजनीतिक लोकप्रियता और क्षेत्रीय पकड़ बढ़ती जा रही है, खासकर कुड़मी समुदाय और युवाओं में उनकी स्वीकार्यता को लेकर।
Jairam Mahato की शिक्षा नीति को मिल रही सराहना
डुमरी क्षेत्र में विधायक जयराम महतो की इस पहल की स्थानीय शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों ने प्रशंसा की है। शिक्षाविदों का मानना है कि इससे विद्यार्थियों को बेहतर करने की प्रेरणा मिलेगी और शिक्षा को लेकर जागरूकता में वृद्धि होगी। शिक्षा के क्षेत्र में यह पहल झारखंड की राजनीति में एक सकारात्मक बदलाव का संकेत देती है।
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