Jharkhand Assembly Election: जीतन राम मांझी की घोषणा से सियासी हलचल
झारखंड विधानसभा चुनाव में जीतन राम मांझी के हालिया बयान ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि उनकी पार्टी, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) सेक्युलर, आगामी झारखंड चुनाव में 10 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।
इस घोषणा ने एनडीए के भीतर संभावित दरार की अटकलों को और तेज कर दिया है।
एनडीए टूटने के संकेत?
मांझी के बयान ने राजनीतिक विशेषज्ञों और मीडिया में यह चर्चा छेड़ दी है कि कहीं यह एनडीए के टूटने का संकेत तो नहीं। हालांकि मांझी ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह एनडीए का हिस्सा बने रहेंगे और सीटों के बंटवारे की व्यवस्था का पालन करेंगे।
लेकिन झारखंड चुनाव में 10 सीटों पर लड़ने की घोषणा को एनडीए में अलगाव के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
झारखंड चुनाव में HAM की भूमिका
मांझी ने यह बयान 10 अक्टूबर, 2024 को दिया, जिसमें उन्होंने झारखंड चुनाव में पार्टी की रणनीति का खुलासा किया।
उनके अनुसार, HAM झारखंड में आगामी विधानसभा चुनाव में 10 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। मांझी ने यह भी कहा कि वे एनडीए के भीतर सीट बंटवारे की व्यवस्था को मानेंगे, परंतु उनकी पार्टी की भूमिका झारखंड के चुनावी समीकरण में महत्वपूर्ण हो सकती है।
चतरा रैली और 10 सीटों पर दावा
हाल ही में चतरा में आयोजित एक रैली में मांझी ने पार्टी की चुनावी योजना का खुलासा किया। उन्होंने 10 सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई और इसके लिए कार्यकर्ताओं को तैयार रहने को कहा। मांझी ने झारखंड के विकास और वहां के राजनीतिक हालात को लेकर अपनी पार्टी की भूमिका को प्रमुख बताया।
मांझी की एनडीए में स्थिति
हालांकि मांझी ने साफ कर दिया कि वह एनडीए से अलग होने का इरादा नहीं रखते हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड चुनाव में जो भी सीट बंटवारे की योजना एनडीए के तहत तय की जाएगी, वह उसे स्वीकार करेंगे। इस बीच, बिहार में बीजेपी के साथ मांझी की पार्टी गठबंधन में शामिल है और केंद्र सरकार का भी हिस्सा है।
HAM का बिहार और झारखंड में प्रभाव
जीतन राम मांझी की पार्टी बिहार में अपनी मजबूत पकड़ के लिए जानी जाती है। 2024 के लोकसभा चुनाव में मांझी ने गया से जीत हासिल की थी, जिससे उनकी पार्टी की पकड़ और भी मजबूत हो गई। अब झारखंड में HAM के 10 सीटों पर लड़ने की घोषणा ने झारखंड की राजनीति को नई दिशा दी है।
क्या झारखंड में बदलेंगे चुनावी समीकरण?
मांझी के इस बयान के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि एनडीए में झारखंड को लेकर क्या रणनीति बनती है। क्या यह बयान एनडीए के भीतर किसी बदलाव की शुरुआत है या फिर सिर्फ एक चुनावी रणनीति? यह समय ही बताएगा। लेकिन मांझी की इस घोषणा से झारखंड विधानसभा चुनाव का सियासी परिदृश्य जरूर प्रभावित होगा।
निष्कर्ष
जीतन राम मांझी के इस बयान ने झारखंड के आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। एनडीए के भीतर सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चाएं और मांझी की चुनावी रणनीति आने वाले समय में झारखंड की राजनीति पर असर डाल सकती हैं।
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