गोड्डा (झारखंड) । मोतिया गांव की रहने वाली चार बच्चों की मां ने लगातार छेड़छाड़ की घटनाओं से तंग आकर जहर खा लिया और इलाज के दौरान रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। यह दिल दहला देने वाला मामला न सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि समाज में महिला सुरक्षा के बारे में गंभीर चेतावनी भी देता है।
छेड़छाड़ और आत्महत्या थी अंतिम विकल्प
स्थानीय निवासी महिला शनिवार शाम हाट से लौट रही थी, तभी बार-बार छेड़छाड़ के चलते उसका मानसिक संतुलन बिगड़ गया। घर लौटने के कुछ ही देर बाद उसने जहर खा लिया और गले में कांपती आवाज में बताया:
“राजेश हरिजन… बार-बार छेड़ता था… आज सारी हदें पार कर दी… अब और नहीं सह सकती…”
इस घटनाक्रम ने यह साफ कर दिया कि छेड़छाड़ सिर्फ एक व्यक्तिगत अपराध नहीं बल्कि सामाजिक खतरा भी है।
स्वास्थ्य राहत रथ में पहुंचीं मौत
घायल महिला को गोड्डा सदर अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उसे स्थिति गंभीर बताकर भागलपुर रेफर कर दिया। लेकिन इलाज से पहले सिकटिया के पास सड़क मार्ग पर ही उसकी मौत हो गई। परिवार ने निशाचर की तरह घटित घटना को लेकर स्थानीय प्रशासन और प्रशासनिक स्टाफ से तत्काल न्याय की मांग की है।
आरोपी गिरफ्तार, दर्ज हुई गंभीर धाराएँ
पुलिस ने महिला की खुले बयानों और परिवार की शिकायत के आधार पर तुरंत कार्रवाई की। आरोपी राजेश हरिजन को गिरफ्तार कर §294 (छेड़छाड़), §306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) व अन्य आपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज कर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। आईपीसी की मान्यतानुसार आरोपी न्यायिक हिरासत में है।
महिला सुरक्षा और सामाजिक चेतना की अपरिहार्यता
यह घटना झारखंड में महिला सुरक्षा, पारिवारिक संरचना और पुलिस प्रशासन की तत्परता पर सवाल खड़ा करती है। हिंसा, छेड़छाड़ और उत्पीड़न से बचाव के लिए सामाजिक जागरूकता व न्याय सुनिश्चित प्रणाली अपरिहार्य है। इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर पूछा है—क्या भारतीय समाज पर्याप्त रूप से महिलाओं के अधिकारों और गरिमा की रक्षा कर पा रहा है?