Ranchi: झारखंड के आईएएस अधिकारी राजीव रंजन के बेटे के तीन अलग-अलग जन्म प्रमाणपत्र सामने आने के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। मामला तब उभरकर आया जब पासपोर्ट कार्यालय में प्रस्तुत जन्म प्रमाणपत्र की जानकारी और उसके बाद बदलाव के आवेदन ने सवाल खड़े कर दिए।
मामले की पृष्ठभूमि
राजीव रंजन ने अपने बेटे के लिए पासपोर्ट आवेदन के दौरान जन्म प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया।
- बाद में उन्होंने उसी प्रमाणपत्र में दर्ज जन्मतिथि में बदलाव के लिए आवेदन दिया।
- पासपोर्ट कार्यालय ने इसे गंभीर मामला मानते हुए रांची नगर निगम से दस्तावेजों की जांच और स्पष्टीकरण मांगा।
तीन जन्म प्रमाणपत्र: विवाद का मुख्य कारण
राजीव रंजन के बेटे के तीन अलग-अलग जन्म प्रमाणपत्र पाए गए, जिनमें जन्मतिथि और जन्मस्थान अलग-अलग हैं:
- पहला प्रमाणपत्र:
- जन्मतिथि: 13 अक्टूबर 2013
- जन्मस्थान: ऑफिसर्स कॉलोनी, रांची
- जारी तिथि: 16 सितंबर 2017
- दूसरा प्रमाणपत्र:
- जन्मतिथि: 13 अक्टूबर 2015
- जन्मस्थान: अशोक नगर, रांची
- जारी तिथि: 11 जनवरी 2024
- तीसरा प्रमाणपत्र:
- जन्मतिथि: 13 अक्टूबर 2017
- जन्मस्थान: न्यू पुंदाग, रांची
- जारी तिथि: 2017
पासपोर्ट कार्यालय की आपत्ति
- जन्मतिथि में बदलाव: पासपोर्ट कार्यालय ने सवाल उठाया कि पहले जारी जन्म प्रमाणपत्र में दर्ज जन्मतिथि को गलत कैसे घोषित किया गया।
- सत्यापन की प्रक्रिया: कार्यालय ने यह भी पूछा कि 5 जनवरी 2024 को सत्यापित किए गए प्रमाणपत्र को 11 जनवरी 2024 को कैसे जारी किया गया।
नगर निगम की जांच रिपोर्ट का इंतजार
रांची नगर निगम ने इस विवाद पर जांच शुरू कर दी है।
- मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए निगम ने दस्तावेजों की गहन जांच और संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है।
- निगम के अधिकारियों का कहना है कि सत्यापन प्रक्रिया में यदि कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।
कानूनी और प्रशासनिक सवाल
यह मामला न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं पर सवाल उठाता है, बल्कि भ्रष्टाचार और अनियमितता के संभावित संकेत भी देता है।
- जन्म प्रमाणपत्रों में विसंगति:
सरकारी दस्तावेजों में इस प्रकार की गड़बड़ी नागरिकों के लिए परेशानी और प्रशासन की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लगाती है। - आईएएस अधिकारी की भूमिका:
राजीव रंजन की भूमिका और दस्तावेजों में बदलाव का कारण जांच के केंद्र में है।