जेएमएम नेता चंपई सोरेन की बगावत

Champai Soren News in Hindi: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ खुलकर बगावत कर दी है।

हाल ही में, उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपने बायो से जेएमएम का नाम हटा दिया, जिसके बाद अटकलें तेज हो गईं कि उनकी बातचीत भाजपा से चल रही है।

चंपई सोरेन फिलहाल दिल्ली में हैं और इसे निजी दौरा बता रहे हैं, लेकिन जानकारी के मुताबिक, उन्होंने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी से मुलाकात की है।

अपमान से आहत चंपई सोरेन

दिल्ली पहुंचने के बाद चंपई सोरेन ने एक्स पर एक लंबा पोस्ट लिखा, जिसमें उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा से अपनी नाराजगी जाहिर की है।

उन्होंने स्पष्ट नहीं किया है कि उनका अगला कदम क्या होगा, लेकिन तीन विकल्पों की चर्चा जरूर की है, जिसमें भाजपा का विकल्प भी शामिल है।

अपने पोस्ट में उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर बिना नाम लिए निशाना साधा है।

उन्होंने लिखा, “क्या लोकतंत्र में इससे अपमानजनक कुछ हो सकता है कि एक मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों को कोई और व्यक्ति रद्द करवा दे?”

हेमंत सोरेन से नाराजगी

चंपई सोरेन ने अपने पोस्ट में यह भी लिखा कि उन्हें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के रवैये से काफी तकलीफ हुई है।

उन्होंने कहा, “इस पार्टी में मेरी गिनती वरिष्ठ सदस्यों में होती है, बाकी लोग जूनियर हैं, और मुझसे सीनियर नेता अब स्वास्थ्य कारणों से राजनीति में सक्रिय नहीं हैं। ऐसे में मेरे पास क्या विकल्प बचता है?”

चंपई सोरेन ने तीन विकल्पों की बात की- पहला, राजनीति से संन्यास लेना; दूसरा, अपना अलग संगठन खड़ा करना; और तीसरा, नए साथी के साथ आगे बढ़ना।

चंपई सोरेन के विकल्प

अब सवाल उठता है कि चंपई सोरेन के पास आगे के क्या विकल्प हो सकते हैं?

पार्टी के सुप्रीमो पर हमला बोलने के बाद उनके लिए जेएमएम में बने रहना मुश्किल है। राजनीति से संन्यास लेना होता, तो वह समय अधिक उपयुक्त होता जब उनसे इस्तीफा देने को कहा गया था।

हालांकि, अलग संगठन बनाना अभी भी एक विकल्प है, लेकिन आगामी विधानसभा चुनावों में नई पार्टी के लिए चुनावी मैदान में उतरना कठिन हो सकता है।

बीजेपी में मिल सकता है सम्मान?

चंपई सोरेन के लिए तीसरा और संभावित विकल्प भाजपा में शामिल होना हो सकता है।

भाजपा के लिए जेएमएम सबसे बड़ी चुनौती है और उसे कमजोर करने के लिए भाजपा चंपई सोरेन को सम्मानजनक ऑफर दे सकती है।

मुख्यमंत्री पद नहीं, तो चुनावी परिणाम के बाद किसी महत्वपूर्ण पद की पेशकश की जा सकती है।

हेमंत सोरेन पहले ही भाजपा पर उनकी पार्टी में फूट डालने के आरोप लगा चुके हैं।

झारखंड में फिलहाल एनडीए और महागठबंधन का दबदबा है।

भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है और ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (AJSU) उसकी सहयोगी है।

लोकसभा चुनावों में भी भाजपा ने कई विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त हासिल की है। ऐसे में चंपई सोरेन के लिए भाजपा एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।

जहां तक सत्ताधारी गठबंधन की बात है, उसकी अगुवाई जेएमएम कर रही है, जिसमें कांग्रेस और आरजेडी शामिल हैं।

ऐसे में चंपई सोरेन के लिए कांग्रेस में जाने की गुंजाइश लगभग नहीं के बराबर है।

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