पश्चिमी सिंहभूम के रामडा गांव में ब्रेन मलेरिया का कहर, मासूम बालिका की दर्दनाक मौत
चक्रधरपुर, पश्चिमी सिंहभूम: चक्रधरपुर प्रखंड के झरझरा पंचायत अंतर्गत रामडा गांव में ब्रेन मलेरिया ने एक बार फिर जानलेवा रूप दिखाया। मंगलवार को पांच वर्षीय बालेमा सामड की चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। बच्ची को उसकी दादी बैजंती दोंगों लेकर अस्पताल पहुंची थीं, लेकिन इलाज के दौरान ही मासूम ने दम तोड़ दिया।
Chakradharpur में Brain Malaria से हुई बच्ची की मौत
परिवार के अनुसार, बालेमा बीते कुछ दिनों से बीमार चल रही थी। शुरुआत में उसे तेज बुखार था, जो कुछ दिन बाद उतर गया। पर मंगलवार सुबह अचानक उसकी तबीयत गंभीर हो गई। दादी ने तत्काल उसे अनुमंडल अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक इलाज शुरू किया, लेकिन बच्ची को नहीं बचाया जा सका। चिकित्सकों ने पुष्टि की है कि मौत का कारण ब्रेन मलेरिया था।
मजदूरी करने बाहर गए थे माता-पिता, देखभाल कर रही थी दादी
बालेमा के माता-पिता रोजगार की तलाश में गांव से बाहर गए हुए थे। ऐसे में उसकी देखभाल की जिम्मेदारी दादी के ऊपर थी। बच्ची की मौत के बाद पूरे गांव में मातम छा गया है। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग से मलेरिया नियंत्रण के लिए विशेष अभियान चलाने की मांग की है।
West Singhbhum में Brain Malaria का खतरा बढ़ा
पिछले कुछ वर्षों में पश्चिमी सिंहभूम के ग्रामीण इलाकों में मलेरिया, विशेषकर ब्रेन मलेरिया के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि मलेरिया की रोकथाम के लिए समय रहते प्रभावी कदम उठाना बेहद जरूरी है। ग्रामीण इलाकों में जागरूकता की कमी और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की सीमित उपलब्धता के कारण समय पर इलाज नहीं हो पाता, जिससे जान का खतरा बढ़ जाता है।
Brain Malaria के लक्षण – समय रहते पहचान जरूरी
- तेज बुखार के साथ ठंड लगना और शरीर में ऐंठन
- बुखार का दिन में उतर जाना और रात में दोबारा आना
- बच्चों का अचानक बेहोश हो जाना
- आंखों में पीलापन, सिरदर्द, खांसी और कमजोरी
- मानसिक भ्रम और दौरे पड़ना (गंभीर मामलों में)
Brain Malaria से बचाव के उपाय – जागरूकता है सुरक्षा की पहली शर्त
- मच्छरदानी का नियमित उपयोग करें
- घर के आसपास पानी जमा न होने दें
- पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें और मच्छरनाशक का उपयोग करें
- बुखार की स्थिति में तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें
- सरकारी टीकाकरण और मलेरिया जागरूकता अभियानों में भाग लें
ग्रामीणों की मांग: Chakradharpur में चलाया जाए मलेरिया रोधी विशेष अभियान
बालेमा सामड की मौत के बाद ग्रामीणों में गहरा आक्रोश और चिंता है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि रामडा सहित आस-पास के गांवों में फॉगिंग करवाई जाए और मलेरिया के लार्वा नष्ट करने की दवा का छिड़काव किया जाए। साथ ही, ग्रामीणों को मलेरिया से बचाव के उपायों की जानकारी दी जाए।