चाईबासा, झारखंड: पश्चिमी सिंहभूम जिले के हाटगमहरिया प्रखंड स्थित कुशमुंडा पंचायत के ग्राम कोटचोरा तिरिलपी से सरकारी अनाज की कालाबाजारी का एक गंभीर मामला सामने आया है। आरोप है कि एक महिला राशन डीलर गरीबों के लिए भेजे गए राशन को चोरी-छिपे खुलेआम बेच रही थी। ग्रामीणों की सतर्कता से इस कालाबाजारी का भंडाफोड़ हो सका।
महिला राशन डीलर सरकारी चावल बेचते पकड़ी गई
स्थानीय ग्रामीणों ने एक व्यक्ति को चावल की बोरियों के साथ पकड़ा, जो राशन को झारखंड से ओडिशा ले जा रहा था। पूछताछ में खुलासा हुआ कि चावल एक सरकारी राशन डीलर महिला की ओर से सप्लाई किया जा रहा था। तुरंत मौके पर जांच की गई और 41 बोरा चावल जब्त किया गया, जिसका कुल वजन करीब 2050 किलोग्राम था।
ग्रामीणों की सतर्कता से रोकी गई गरीबों के राशन की चोरी
यह घटना एक मिसाल बनकर सामने आई है, जिसमें ग्रामीणों ने सक्रियता दिखाते हुए न केवल चावल पकड़ा बल्कि तत्काल हाटगम्हरिया अंचल अधिकारी (सीओ) ऋषि देव को सूचना दी। अधिकारी ने तुरंत प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी (Supply Officer) से संपर्क कर कार्रवाई के आदेश दिए।
विभागीय जांच और कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू
सीओ ऋषि देव के निर्देश पर विभागीय टीम मौके पर पहुंची और मामले की जांच प्रारंभ कर दी गई। जब्त किए गए सभी सरकारी अनाज को सुरक्षा की दृष्टि से ग्राम मुंडा की जिम्मेदारी में सौंपा गया है। इस पूरे प्रकरण को लेकर फूड एंड सिविल सप्लाई विभाग अब महिला डीलर के खिलाफ कठोर कार्रवाई की तैयारी में है।
झारखंड राशन घोटाले में एक और मामला उजागर
यह मामला राज्य में झारखंड राशन डीलर कालाबाजारी की बढ़ती घटनाओं को उजागर करता है। गरीबों के हक का राशन खुलेआम बाजार में बेचा जा रहा है, जबकि पात्र लाभुकों को समय पर राशन नहीं मिल पाता। इस घटना ने सरकार की पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (PDS) की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
ग्रामीणों ने निभाई सामाजिक जिम्मेदारी
घटना स्थल पर मौजूद ग्रामीणों ने बताया कि वे लंबे समय से राशन वितरण में अनियमितता देख रहे थे। कई बार उन्हें तय मात्रा से कम अनाज दिया गया। इस बार जब गुप्त रूप से चावल की ढुलाई की जा रही थी, तो उन्होंने उसे रोककर वास्तविकता उजागर कर दी। ग्रामीणों ने स्पष्ट किया कि वे आगे भी ऐसे किसी भी राशन घोटाले को बर्दाश्त नहीं करेंगे।