रांची (झारखंड): झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को एक महत्वपूर्ण आदेश जारी करते हुए कहा है कि आउटसोर्सिंग के तहत कार्यरत कर्मियों को भी नियमित कर्मचारियों के समान वेतन मिलना चाहिए। न्यायमूर्ति दीपक रोशन की एकलपीठ ने “समान कार्य के लिए समान वेतन” सिद्धांत को लागू करने का स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि ठेके पर नियुक्त कर्मियों का शोषण नहीं किया जा सकता।
समान कार्य के लिए समान वेतन का आदेश
हाईकोर्ट ने यह निर्देश जल संसाधन विभाग में कार्यरत बिमल कुमार ठाकुर की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि उसे पहले दैनिक वेतन भोगी के रूप में रखा गया और बाद में आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से काम पर लगाया गया, लेकिन कार्य में कोई बदलाव नहीं हुआ। बावजूद इसके, वेतन में भारी अंतर बना रहा।
अधिवक्ता सौरभ शेखर ने सुप्रीम कोर्ट के जगजीत सिंह बनाम हरियाणा राज्य सरकार मामले का हवाला देते हुए दलील दी कि यह समान कार्य के लिए असमान वेतन का मामला है, जो संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन करता है।
सरकार का तर्क हुआ खारिज
राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में तर्क दिया कि चूंकि बिमल कुमार की नियुक्ति ठेकेदार के माध्यम से हुई थी, इसलिए सरकार की कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं बनती। हालांकि न्यायालय ने इसे खारिज करते हुए कहा कि जब कर्मचारी सरकारी विभाग के लिए वही कार्य कर रहा है जो नियमित कर्मचारी करते हैं, तो उसे भी उसी स्तर का वेतन मिलना चाहिए।
कोर्ट ने यह भी कहा कि संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करके किसी भी कर्मचारी से सस्ते श्रम की उम्मीद नहीं की जा सकती। ऐसे मामलों में राज्य सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह सुनिश्चित करे कि आउटसोर्स कर्मचारियों को उनके कार्य के अनुरूप वेतन मिले।
आठ सप्ताह में लागू हो आदेश
हाईकोर्ट ने जल संसाधन विभाग को निर्देशित किया है कि वह आठ सप्ताह के भीतर इस आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करे। कोर्ट के इस फैसले से झारखंड में कार्यरत हजारों आउटसोर्स कर्मियों को राहत मिलने की संभावना है, जो वर्षों से वेतन समानता की मांग कर रहे थे।
राज्य भर में खुशी की लहर
इस फैसले के बाद झारखंड के विभिन्न विभागों में आउटसोर्स कर्मचारियों में खुशी की लहर है। आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से नियुक्त कर्मचारी लंबे समय से कम वेतन, अस्थिर नौकरी और सुविधाओं के अभाव जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। अब उन्हें उम्मीद है कि सरकार उनके अधिकारों की रक्षा करेगी और न्याय दिलाएगी।
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