रांची : राजधानी रांची के रजिस्ट्री ऑफिस और विभिन्न अंचल कार्यालयों में तैनात कंप्यूटर ऑपरेटरों का कई वर्षों से ट्रांसफर नहीं किया गया है। जानकारी के अनुसार, पांच साल से अधिक समय से एक ही स्थान पर कार्यरत रहने वाले इन ऑपरेटरों की स्थिति पर अब सवाल उठने लगे हैं। आम नागरिकों और स्थानीय संगठनों का कहना है कि लगातार एक जगह पर जमे रहने से कामकाज की पारदर्शिता प्रभावित हो रही है।
कंप्यूटर ऑपरेटरों का लंबे समय तक एक ही पद पर बने रहना
जिला स्तर पर रजिस्ट्री ऑफिस और अंचल कार्यालयों में तैनात ऑपरेटरों का दायित्व जमीन संबंधी कार्य, फाइल एंट्री, और वेरिफिकेशन से जुड़ा होता है। सूत्रों के अनुसार, जब कोई कंप्यूटर ऑपरेटर वर्षों तक एक ही दफ्तर में कार्यरत रहता है, तो उसकी कार्यशैली में ढिलाई और मनमानी देखने को मिलती है। इससे आम लोगों को अपने कार्यों के लिए अनावश्यक विलंब का सामना करना पड़ता है।
रजिस्ट्री ऑफिसों में पारदर्शिता पर सवाल
स्थानीय लोगों का आरोप है कि लंबे समय तक एक ही स्थान पर तैनाती से बिचौलियों के साथ सांठगांठ की संभावना बढ़ जाती है। जमीन की रजिस्ट्री, फाइल पासिंग और डाटा एंट्री जैसे कार्यों में देरी और गुटबाजी सामने आने लगी है। कई बार लोगों को छोटे-छोटे कार्यों के लिए दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं।
तबादला और रोटेशन सिस्टम की जरूरत
प्रशासनिक स्तर पर अधिकारियों का मानना है कि संविदा पर नियुक्त कंप्यूटर ऑपरेटरों के लिए भी रोटेशन सिस्टम और नियमित तबादला होना जरूरी है। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी और किसी भी कर्मचारी को मनमानी करने का मौका नहीं मिलेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि समय-समय पर तबादला होने से न केवल कार्यकुशलता बढ़ती है, बल्कि आम नागरिकों को भी समय पर सेवाएं मिलती हैं।
जनता को हो रही परेशानी
रजिस्ट्री और अंचल कार्यालयों में जमीन से जुड़े कार्यों के लिए आने वाले नागरिकों का कहना है कि ऑपरेटरों की वर्षों तक एक ही जगह तैनाती से कार्यवाही धीमी हो गई है। कई बार फाइल एंट्री, सत्यापन और प्रमाण पत्र निर्गत करने में हफ्तों लग जाते हैं। लोग मांग कर रहे हैं कि प्रशासन इस पर जल्द कार्रवाई करे, ताकि सेवाओं में पारदर्शिता और गति दोनों सुनिश्चित हो सके।