Ranchi: झारखंड के वरिष्ठ नेता और शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का शुक्रवार को दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में निधन हो गया। 62 वर्षीय सोरेन के निधन से पूरे राज्य में शोक की लहर है। अपने 44 वर्षों के लंबे राजनीतिक सफर में उन्होंने संघर्ष और समर्पण के बल पर ग्राम प्रधान से लेकर मंत्री पद तक का सफर तय किया।
झारखंड आंदोलन में सक्रिय भूमिका
रामदास सोरेन झारखंड आंदोलन से ही राजनीति में सक्रिय रहे। झामुमो के संस्थापक शिबू सोरेन के साथ मिलकर उन्होंने आदिवासी समाज और अलग राज्य की मांग को लेकर लंबा संघर्ष किया। आंदोलन के दौरान उन पर कई मुकदमे भी दर्ज हुए, लेकिन उन्होंने अपने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया।
1980 से शुरू हुआ राजनीतिक सफर
- 1980 में घोड़ाबांधा पंचायत सचिव के रूप में राजनीतिक जीवन की शुरुआत।
- इसके बाद क्रमशः जमशेदपुर प्रखंड कमेटी के प्रथम सचिव, अनुमंडल कमेटी सचिव और जिला सचिव के पद पर रहे।
- जमीनी स्तर से संगठन को मजबूत करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही।
चुनावी संघर्ष और जीत
- 2004 विधानसभा चुनाव : निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरे, लेकिन हार का सामना करना पड़ा।
- 2009 चुनाव : झामुमो के टिकट पर घाटशिला से जीतकर पहली बार विधायक बने।
- 2014 चुनाव : भाजपा प्रत्याशी से हार गए।
- 2019 विधानसभा चुनाव : दोबारा झामुमो प्रत्याशी के रूप में जीतकर विधानसभा पहुंचे।
- 2024 चुनाव : लगातार दूसरी बार जीत हासिल कर कैबिनेट मंत्री बने।
शिक्षा मंत्री के रूप में कार्यकाल
रामदास सोरेन ने झारखंड सरकार में स्कूली शिक्षा और साक्षरता मंत्री के रूप में पदभार संभाला।
- राज्य के सरकारी स्कूलों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर जोर दिया।
- आदिवासी और पिछड़े वर्ग के बच्चों की शिक्षा के लिए विशेष योजनाएं शुरू कीं।
- डिजिटल लर्निंग और पंजीकरण प्रक्रियाओं को सरल और पारदर्शी बनाने की पहल की।
सामाजिक न्याय और आदिवासी समाज की आवाज
संथाल आदिवासी समुदाय से आने वाले रामदास सोरेन हमेशा सामाजिक न्याय और हाशिए पर खड़े समुदायों के अधिकारों की आवाज उठाते रहे। उनके नेतृत्व में घाटशिला क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं में कई सुधार हुए।
व्यक्तिगत जीवन और पृष्ठभूमि
- जन्म: 1 जनवरी 1963, संथाल आदिवासी परिवार।
- प्रारंभिक शिक्षा: गांव के सरकारी स्कूल से, इसके बाद स्नातक की पढ़ाई पूरी की।
- छात्र जीवन से ही सामाजिक मुद्दों और आंदोलन की राजनीति में सक्रिय।
झारखंड की राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान
रामदास सोरेन का राजनीतिक सफर झारखंड की आदिवासी राजनीति, शिक्षा सुधार और झामुमो संगठन से गहराई से जुड़ा रहा। उन्होंने न केवल क्षेत्रीय राजनीति में, बल्कि राज्य स्तर पर भी अपनी पहचान एक संघर्षशील और जमीनी नेता के रूप में बनाई।
इसे भी पढ़ें
झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का निधन, पूरे राज्य में शोक की लहर
