रांची (झारखंड): राजधानी रांची में सफाई व्यवस्था को आधुनिक बनाने के उद्देश्य से स्थापित मिनी ट्रांसफर स्टेशन (MTS) अब शहरवासियों के लिए बड़ी मुसीबत बन गया है। नगर निगम (RMC) द्वारा मुख्य रिहायशी इलाकों के मध्य बनाए गए इन डंपिंग प्वाइंट्स के कारण नागरिकों को भयंकर दुर्गंध, मच्छरों का प्रकोप और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
शहर के बीच बने कचरा डंपिंग यार्ड से बढ़ी लोगों की परेशानी
रांची नगर निगम द्वारा संचालित मिनी ट्रांसफर स्टेशन का मकसद था कि शहरभर से कचरा इकट्ठा कर उसे झिरी डंपिंग यार्ड भेजा जाए। लेकिन अब कचरा पहले शहर के बीचों-बीच स्थित MTS में घंटों तक रखा जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले कचरा सीधे झिरी ले जाया जाता था, जिससे दुर्गंध और संक्रमण की आशंका नहीं थी। अब एमटीएस में लंबे समय तक जमा कचरे से वातावरण दूषित हो रहा है।
संक्रमण और मच्छरों के डर से लोग परेशान
स्थानीय निवासियों ने बताया कि MTS से निकलने वाली तेज दुर्गंध ने घरों में रहना दूभर कर दिया है। गर्मी और बरसात के मौसम में यह स्थिति और भी गंभीर हो जाती है। बच्चों और बुजुर्गों में बुखार, सांस की तकलीफ और संक्रमण की आशंका बनी रहती है। मच्छरों की बढ़ती संख्या ने डेंगू और मलेरिया जैसे रोगों का खतरा भी बढ़ा दिया है।
लोगों की मांग – हटे MTS या फिर बदले सिस्टम
स्थानीय निवासियों का कहना है कि जब हुक लोडर सिस्टम के जरिए कचरा सीधे झिरी भेजा जाता था, तब सफाई व्यवस्था बेहतर थी। अब पूरे दिन और रात कचरे के ढेर लगे रहते हैं, जिससे न केवल स्वास्थ्य खतरे में है, बल्कि पर्यावरण भी प्रभावित हो रहा है। लोगों ने मांग की है कि या तो MTS को शहर से बाहर शिफ्ट किया जाए या पुराना सिस्टम पुनः लागू किया जाए।
निगम की तरफ से सफाई, जल्द होगा बदलाव
इस मामले पर नगर निगम के उप प्रशासक रवींद्र कुमार ने बयान जारी करते हुए कहा कि “जेल मोड़ के पास कभी-कभी कचरा जमा हो जाता है, लेकिन हम जल्द ही MTS सिस्टम में बदलाव लाने जा रहे हैं।” उन्होंने बताया कि गीला और सूखा कचरा अलग करने की व्यवस्था की जा रही है और नागरिकों से सहयोग की अपील की है कि वे कचरे को वर्गीकृत करके दें, जिससे त्वरित निपटारा हो सके।
समाधान नहीं मिला तो करेंगे आंदोलन
स्थानीय पार्षदों और सामाजिक संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो जन आंदोलन किया जाएगा। नागरिकों ने कहा कि शुरुआत में कहा गया था कि MTS से कचरा दिखाई नहीं देगा, लेकिन अब खुले में कचरे का ढेर और फैलती बदबू देखने को मिल रही है। वादे के अनुसार हरियाली और शुद्ध वातावरण भी नहीं दिख रहा है।
