Maharashtra News: महाराष्ट्र की राजनीतिक चौसर पर नए समीकरणों का खेल जारी है। विधानसभा चुनाव में कुछ ही महीने बचे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर सियासी उठापटक तेज हो गई है।
कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद का चेहरा मानने से इनकार करते हुए उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
वहीं, शरद पवार गुट के नेता जयंत पाटिल ने भी मुख्यमंत्री पद की दावेदारी जताकर इस उलझन को और बढ़ा दिया है।
महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में विवाद
महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है।
एक तरफ उद्धव ठाकरे दिल्ली में कांग्रेस के आलाकमान से समर्थन पाने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने साफ कर दिया है कि उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद के लिए उपयुक्त नहीं हैं।
शरद पवार की एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने भी मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जताई है, जिससे उद्धव ठाकरे की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
एमवीए गठबंधन में अब करीब आधा दर्जन लोग मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हो गए हैं, जिसमें कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना (यूबीटी) के कई नेता शामिल हैं।
एमवीए के घोषणा पत्र पर आधारित चुनाव
कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि एमवीए के भीतर मुख्यमंत्री पद के लिए कई दावेदार हैं।
कांग्रेस में ही दो-तीन लोग, एनसीपी में दो और शिवसेना (यूबीटी) में भी दो लोग इस रेस में हैं।
इसलिए एमवीए किसी एक चेहरे को आगे नहीं करेगा, बल्कि हम एमवीए के घोषणा पत्र के आधार पर चुनाव लड़ेंगे।
भाजपा का तंज
इस बीच, प्रदेश भाजपा प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस की तीन दिनों तक जी हुजूरी करने के बावजूद उद्धव ठाकरे को कुछ हासिल नहीं हुआ।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पद की महत्वाकांक्षा के लिए दिल्ली जाने के बाद भी कांग्रेस ने उन्हें संदेश दे दिया है कि कांग्रेस ही गठबंधन में बड़ा भाई रहेगा।
भाजपा ने कहा कि शिवसेना को पहले हमेशा 125 से अधिक सीटें दी जाती थीं, लेकिन अब उद्धव ठाकरे को कांग्रेस के सामने झुककर 100 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार होना पड़ रहा है।
महाराष्ट्र की राजनीति में यह उठा-पटक किस दिशा में जाएगी, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
लेकिन, फिलहाल एमवीए गठबंधन में मुख्यमंत्री पद को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
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