रांची : झारखंड में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि मेक इन इंडिया और स्वदेशी आंदोलन ही भारत को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने का वास्तविक मार्ग है। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि देश को आर्थिक और तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के लिए स्वदेशी उत्पादों और घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देना अनिवार्य है।
सेमीकंडक्टर उद्योग को बताया रणनीतिक आधार
मरांडी ने कहा कि आज की दुनिया में सेमीकंडक्टर चिप्स वैश्विक अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन चुके हैं। मोबाइल, कार, लैपटॉप, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और यहां तक कि रॉकेट तक इन पर निर्भर हैं। 2024 के आंकड़ों का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि दुनिया की लगभग 21% सेमीकंडक्टर फैक्ट्रियां चीन में हैं और 2030 तक यह संख्या बढ़कर 30% हो सकती है। जबकि चीन की घरेलू आवश्यकता मात्र 5% है। इसका सीधा मतलब है कि चीन दुनिया को अपनी सप्लाई चेन पर निर्भर बनाना चाहता है।
भारत में बन रही है सेमीकंडक्टर फैक्ट्री
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने इस चुनौती को समय रहते समझा और गुजरात में टाटा-PSMC सेमीकंडक्टर फैक्ट्री की स्थापना का बड़ा कदम उठाया है। लक्ष्य है कि 2025 के अंत तक मेड-इन-इंडिया चिप तैयार हो जाए। इसके लिए India Semiconductor Mission के तहत केंद्र सरकार ने 50% तक वित्तीय सहायता दी है। गुजरात सरकार भी इसे एक वैश्विक सेमीकंडक्टर हब बनाने में सक्रिय है।
मोदी सरकार के विजन की सराहना
मरांडी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह प्रयास केवल भारत की जरूरतों को पूरा करने के लिए नहीं, बल्कि वैश्विक सप्लाई चेन में अहम भूमिका निभाने की दिशा में है। उनका मानना है कि यही मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत का असली उद्देश्य है।
खादी से लेकर चिप तक – स्वदेशी का महत्व
मरांडी ने कहा कि चिप से लेकर खादी तक हर स्वदेशी उत्पाद भारत को मजबूत बनाने में योगदान देता है। उन्होंने कहा कि यह अभियान केवल सरकार और उद्योग जगत की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि आम जनता की भागीदारी भी आवश्यक है।
