निगम में वाहन खरीद घोटाले का आरोप, श्रमिक संघ ने उठाई आवाज
रांची (झारखंड): झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड में गाड़ियों की खरीद को लेकर सामने आए कथित अनियमितता के मामले में अब श्रमिक संघ ने विरोध का बिगुल फूंक दिया है। झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ के अध्यक्ष अजय राय ने शुक्रवार को निगम के महाप्रबंधक (कार्मिक सह सामान्य प्रशासन) सुनील दत्त खाखा से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा और इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की।
बिना निविदा प्रक्रिया के 40 गाड़ियों की खरीद पर सवाल
संघ का आरोप है कि झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड में लगभग 40 वाहन बिना किसी वैध टेंडर प्रक्रिया के खरीदे गए या किराए पर लिए गए हैं। श्रमिक संघ के अनुसार, यह पूरी प्रक्रिया सरकारी नियमों और पारदर्शिता के विरुद्ध है और इसमें वित्तीय अनियमितता की आशंका है।
अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि बिना टेंडर के की गई वाहन खरीद से निगम की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लग गया है और ऐसे निर्णयों से कर्मचारी वर्ग में भी असंतोष और अविश्वास की स्थिति उत्पन्न होती है।
पारदर्शिता और कर्मचारी हितों को लेकर उठे मुद्दे
बैठक के दौरान अजय राय ने निगम के भीतर चल रही भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता, मौजूदा कर्मचारियों को वरीयता, फील्ड स्टाफ की सेवा शर्तों में सुधार, सुरक्षा प्रबंधन और ड्राइवरों के बकाया वेतन भुगतान जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को भी प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि निगम में कार्यरत असंगठित एवं अल्पकुशल कर्मचारियों की स्थिति चिंताजनक है और उनके लिए स्थायी समाधान की आवश्यकता है।
श्रमिक संघ ने की समग्र सुधार की मांग
संघ की ओर से यह भी मांग की गई कि कार्यस्थलों पर कर्मचारियों की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए और फील्ड स्टाफ की दैनिक समस्याओं का समाधान प्राथमिकता पर किया जाए। चार माह से लंबित ड्राइवरों के वेतन भुगतान को लेकर भी गहरी नाराजगी जाहिर की गई।
संघ का कहना है कि यदि इन मुद्दों पर शीघ्र संज्ञान नहीं लिया गया, तो आने वाले दिनों में संगठन आंदोलनात्मक कदम उठाने को बाध्य होगा।
महाप्रबंधक ने दिए कार्रवाई के संकेत
बैठक के दौरान महाप्रबंधक सुनील दत्त खाखा ने श्रमिक संघ की सभी मांगों को गंभीरता से सुना और उन्हें सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस अवसर पर श्रमिक संघ के सदस्य मुकेश साहू भी उपस्थित रहे।
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