झारखंड विधानसभा में शिबू सोरेन के पार्थिव शरीर को राजकीय सम्मान के साथ किया गया अंतिम दर्शन के लिए प्रस्तुत
झारखंड आंदोलन के प्रणेता, पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन के बाद, मंगलवार को उनका पार्थिव शरीर झारखंड विधानसभा परिसर में अंतिम दर्शन के लिए लाया गया। पूरे राजकीय सम्मान के साथ गुरुजी को श्रद्धांजलि दी गई।
विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्र नाथ महतो, कई मंत्री, सांसद, विधायक, पूर्व जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने पुष्प अर्पित कर दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि दी और उनके योगदान को याद किया।
गुरुजी की अंतिम यात्रा की शुरुआत, नारे गूंजे “गुरुजी अमर रहें”
विधानसभा परिसर में “गुरुजी अमर रहें” और “झारखंड माता की जय” जैसे नारों की गूंज के बीच पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ अंतिम जोहार यात्रा की शुरुआत की गई। जनसमूह की उपस्थिति और अनुशासन ने इस पल को और भावुक बना दिया।
गुरुजी के समर्थक, आदिवासी संगठनों के सदस्य और सामाजिक कार्यकर्ता बड़ी संख्या में वहां पहुंचे। अंतिम दर्शन के लिए लोगों की लंबी कतारें लगी रहीं।
झारखंड के विकास और आदिवासी अधिकारों के लिए गुरुजी का अविस्मरणीय योगदान

नेताओं और जनप्रतिनिधियों ने गुरुजी के राजनीतिक जीवन और झारखंड राज्य निर्माण में उनके संघर्षों को याद किया।
गुरुजी को झारखंड की आत्मा कहा जाता है। उन्होंने न केवल आदिवासी समाज के हक की लड़ाई लड़ी, बल्कि सामाजिक न्याय और आत्मसम्मान की भावना को भी मजबूती दी।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि “पिता के रूप में नहीं, एक क्रांतिकारी नेता के रूप में गुरुजी हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे।” वहीं विपक्ष के नेताओं ने भी उनके योगदान को ऐतिहासिक बताया।
गुरुजी की राजनीति: संघर्ष, सेवा और स्वाभिमान की मिसाल

दिशोम गुरु शिबू सोरेन का राजनीतिक जीवन झारखंडी अस्मिता और अधिकारों की लड़ाई से जुड़ा रहा। वे तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे और आदिवासी हितों की रक्षा में अग्रणी भूमिका निभाई।
उनकी लोकप्रियता केवल झारखंड तक सीमित नहीं रही, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी उन्हें आदिवासी समुदाय का मजबूत चेहरा माना गया।
गुरुजी के निधन पर झारखंड में शोक की लहर, राजकीय अवकाश घोषित
गुरुजी के निधन पर पूरे झारखंड में शोक की लहर दौड़ गई। राज्य सरकार ने एक दिन का राजकीय अवकाश घोषित किया है। स्कूल, कॉलेज, और सरकारी कार्यालय बंद रहे। विभिन्न जिलों में श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित की गईं।
अंतिम संस्कार बोकारो जिले में, राजकीय सम्मान के साथ विदाई की तैयारी
शिबू सोरेन का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव बोकारो जिले में बुधवार को किया जाएगा। प्रशासन ने सुरक्षा और यातायात की व्यापक व्यवस्था की है।
उनके समर्थक, पार्टी कार्यकर्ता, और आम लोग बड़ी संख्या में अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए रवाना हो चुके हैं।
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