रांची (झारखंड): प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में रांची जिले की पूर्व विधायक अंबा प्रसाद एवं उनके परिवार के खिलाफ बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि अंबा प्रसाद, उनके पिता योगेंद्र साव, भाई-बहन और अन्य रिश्तेदारों ने मिलकर 17 कंपनियों की स्थापना की, जिनके माध्यम से खनिज और निर्माण के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर वैध व अवैध लेन‑देन किए गए। ED की यह जांच झारखंड में राजनीतिक-अर्थचोरी के गहराते साये को उजागर करती है।
कंपनियों की सूची और परिवार की हिस्सेदारी
ED के मुताबिक, इन 17 कंपनियों में योगेंद्र साव, धीरेंद्र कुमार, अनुप्रिया और अंकित राज का बड़ा रोल रहा। अधिकांश कंपनियां परिवार के नियंत्रण में संचालित हो रही हैं:
- Million Dreams Foundation – अनुप्रिया
- Hibcon Projects Pvt Ltd – अंकित राज, धीरेंद्र कुमार
- Kashyap Dev Transporter Pvt Ltd – अंकित राज
- V Connect India – अनुप्रिया
- Mrs Dhirendra Kumar – धीरेंद्र साव
- Ananya Enterprises – सागर साव
- Maa Ashtabhuja Ceramics & Minerals – अंकित राज
- अंकित राज Sand Stockyard, SKS Enterprises, Ashtabhuja Mining Pvt Ltd (अंकित राज व ममता नाइक)
- Amba Prasad Welfare Foundation – अंबा प्रसाद व पंचवत कुमार
- Maa Kamakhya Concretes – अंकित राज, विंदेश्वर दांगी, विकास रंजन
- Mrs Ankit Raj, Mrs Yogendra Saw, Jai Maa Ashtabhuja Construction, Kanda Bar Fire Clay Mines – योगेंद्र साव
ED की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि योगेंद्र साव ने ‘मां अष्टभुजा सिरामिक्स एंड मिनरल्स’ में 2.96 करोड़ रुपये नकद रूप में निवेश किए थे, जो उन्होंने अपने सहयोगी राजेश कुमार को दिए थे। उन्होंने खुद अदालत में यह बात स्वीकार की है।
NTPC खनन परियोजनाओं में अवरोध
ED जांच के अनुसार, योगेंद्र साव से संबंधित लोग NTPC की खनन परियोजनाओं में रुकावट डालते रहे, अवैध लेवी वसूली और दबाव से परियोजनाओं को बाधित करने का भी प्रयास किया। यह अवैध आर्थिक लाभ उठाने की साजिश का हिस्सा माना जा रहा है।
जांच पर ED की प्रतिक्रिया
प्रवर्तन निदेशालय ने इन खनिज व निर्माण कंपनियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच तेज कर दी है। ED अधिकारियों का कहना है कि 17 कंपनियों के ब्योरे, वित्तीय हेरफेर और नकदी लेन-देन मामले की गंभीरता दर्शाते हैं।
ED ने अब परिवार के सदस्यों के खिलाफ जुर्माना, संपत्ति जब्ती और कानूनी कार्रवाई सहित एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
राज्य में राजनीतिक–आर्थिक गठजोड़ पर सवाल
यह खुलासा झारखंड में राजनीतिक हस्तियों द्वारा आर्थिक संरचनाओं का गुप्त निर्माण और मनी लॉन्ड्रिंग की रणनीतियों पर गंभीर सवाल उठाता है। ED की इस खोज के आधार पर अब जांच का दायरा और गहरा होना तय है।