लोहरदगा। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने लोहरदगा में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस नहीं चाहते कि आदिवासी समाज शिक्षित हो और प्रगति करे। राहुल गांधी ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “बीजेपी नहीं चाहती कि आपके बच्चे डॉक्टर, वकील, अधिकारी, पुलिस, मीडिया या किसी भी बड़े पद पर जाएं। मोदी, आरएसएस और उनके समर्थक अरबपतियों की सोच है कि जल, जमीन और जंगल उनके नियंत्रण में हो।”
जल, जमीन और जंगल पर कब्जे की सोच
राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा की सोच है कि आदिवासियों की जमीनें उनसे छीन ली जाएं। जबकि महागठबंधन का दृष्टिकोण यह है कि अगर आदिवासी अपनी जमीन देते हैं, तो उन्हें उसका उचित मूल्य मिलना चाहिए। साथ ही, उस जमीन पर बनने वाले उद्योगों में उनके बच्चों को नौकरियां मिलनी चाहिए। उन्होंने आदिवासियों की शिक्षा और विकास पर जोर देते हुए कहा, “हम चाहते हैं कि आदिवासियों को शिक्षा मिले और वे आगे बढ़ें।”
राहुल गांधी ने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि पूरे भारत में 8 प्रतिशत आदिवासी, 15 प्रतिशत दलित, 50 प्रतिशत ओबीसी और 15 प्रतिशत अल्पसंख्यक हैं, जो कुल मिलाकर लगभग 90 प्रतिशत होते हैं। उन्होंने कहा, “लेकिन आज आप किसी भी क्षेत्र में देखिए, चाहे वह नौकरी हो, बिजनेस हो, न्यायिक व्यवस्था हो या मीडिया हो, इनमें आपको ये वर्ग नहीं दिखेंगे। नेशनल मीडिया में एक भी आदिवासी या दलित एंकर नहीं है। इसका कारण यह नहीं है कि उनमें योग्यता की कमी है, बल्कि उन्हें मौका नहीं दिया जाता।”
सरकारी निर्णयों में आदिवासियों की कम भागीदारी
राहुल गांधी ने बताया कि सरकार देश के बजट का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में करती है, लेकिन इसके निर्णय सिर्फ 90 अफसर ही लेते हैं। इनमें से केवल एक आदिवासी, तीन दलित और तीन पिछड़े वर्ग के अफसर शामिल होते हैं। उन्होंने कहा, “अगर भारत सरकार 100 रुपये खर्च करती है, तो इसमें से सिर्फ 6 रुपये के निर्णय में इन वर्गों की भागीदारी होती है।”
जाति जनगणना की मांग
राहुल गांधी ने कहा कि इस असमानता को दूर करने के लिए उन्होंने जाति जनगणना की मांग की थी, जिससे सभी जातियों की भागीदारी स्पष्ट हो सके। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर चुप्पी साध लेते हैं और कहते हैं कि राहुल गांधी देश को बांटने का काम कर रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया, “आपने एक भी प्राइवेट अस्पताल को दलित या आदिवासी द्वारा संचालित होते देखा है?”
राहुल गांधी ने अपने भाषण का समापन करते हुए कहा, “मेरा सपना है कि 90 प्रतिशत लोग इस देश को चलाएं। हमें ऐसी नीतियां बनानी होंगी, जिससे सभी वर्गों की बराबरी से भागीदारी सुनिश्चित हो सके।” उनके इस भाषण से सभा में मौजूद लोग उत्साहित हो गए और उनकी बातों का समर्थन किया।