रांची, 12 दिसंबर 2024: झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन राजनीतिक तापमान चरम पर रहा। बालू की कालाबाजारी और कीमतों में बढ़ोतरी के साथ-साथ सीजीएल परीक्षा को रद्द करने की मांग ने सदन के भीतर और बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन को जन्म दिया।
बालू की कमी पर भाजपा विधायक का धरना
भाजपा विधायक कुशवाहा शशि भूषण मेहता ने विधानसभा परिसर में बालू की कीमतों और कालाबाजारी के मुद्दे पर धरना दिया।
- मुख्य चिंताएं:
- पलामू जिले में बालू की कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि।
- कालाबाजारी के चलते आम जनता और निर्माण कार्यों पर असर।
- विधायक ने मुख्यमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की, जिससे बालू की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
आजसू विधायक निर्मल महतो ने सरकार से बालू को मुफ्त किए जाने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि कालाबाजारी और पैसे की अवैध वसूली आम लोगों को भारी परेशान कर रही है।
सीजीएल परीक्षा रद्द करने की मांग
भाजपा के पूर्व विधायक अमित यादव ने सीजीएल परीक्षा अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज की कड़ी निंदा की और सरकार को रोजगार के मुद्दे पर विफल बताया।
- आरोप:
- युवाओं को रोजगार देने के बजाय उन पर लाठियां बरसाई जा रही हैं।
- सरकार वादे पूरे करने में विफल रही है।
भाजपा विधायक राज सिन्हा ने राज्यपाल के अभिभाषण में रोजगार और बालू जैसे अहम मुद्दों की अनदेखी को लेकर सरकार पर निशाना साधा।
सत्ता पक्ष का बचाव
सत्ता पक्ष के मंत्री सुदिव्य कुमार ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा:
- सीजीएल परीक्षा रद्द करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था को बनाए रखना सरकार की प्राथमिकता है।
- छात्रों से आग्रह किया कि वे सही मंच पर अपने मुद्दे उठाएं, जिससे समाधान निकाला जा सके।
झामुमो विधायक अमित महतो ने सरकार की ईमानदारी और विकास कार्यों को रेखांकित करते हुए कहा कि यह विरोध सिर्फ राजनीतिक प्रोपेगेंडा है।
विपक्ष बनाम सरकार: अहम मुद्दे
- बालू की कालाबाजारी और कीमतें:
- विपक्ष ने बालू की कीमतों और कालाबाजारी को लेकर सरकार को घेरा।
- आजसू ने बालू को फ्री किए जाने की मांग की।
- सीजीएल परीक्षा विवाद:
- विपक्ष ने लाठीचार्ज और वादाखिलाफी के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
- सत्ता पक्ष ने छात्रों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन का सुझाव दिया।