रांची/पलामू : झारखंड के पलामू जिले में बुधवार देर रात पुलिस और तृतीय प्रस्तुति कमेटी (TPC) के उग्रवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में दो जवान शहीद हो गए, जबकि एक जवान गंभीर रूप से घायल है। यह घटना मनातू थाना क्षेत्र के केदल जंगल में उस समय हुई जब पुलिस बल ने टीपीसी के जोनल कमांडर शशिकांत गंझू और उसके दस्ते के खिलाफ विशेष सर्च ऑपरेशन शुरू किया था।
पलामू नक्सली मुठभेड़ : गोलीबारी में दो जवान शहीद
मुठभेड़ के दौरान दोनों ओर से कई राउंड गोलीबारी हुई। इस भीषण फायरिंग में संतन कुमार और सुनील राम नामक दो पुलिस जवान शहीद हो गए। दोनों जवान पलामू जिले के हैदरनगर क्षेत्र के निवासी बताए जा रहे हैं। वहीं तीसरे घायल जवान को मेदनीराय मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एमएमसीएच), डाली में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।
शहीद जवानों की पहचान और भूमिका
सूत्रों के अनुसार शहीद जवानों में से एक, पलामू एएसपी के बॉडीगार्ड के रूप में तैनात थे। मुठभेड़ स्थल पर हालात बेहद तनावपूर्ण रहे और सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी है।
10 लाख इनामी कमांडर शशिकांत गंझू था निशाने पर
पलामू पुलिस की इस विशेष कार्रवाई का लक्ष्य टीपीसी के 10 लाख इनामी जोनल कमांडर शशिकांत गंझू था। जानकारी के मुताबिक, जिस इलाके में मुठभेड़ हुई, वह गंझू का गढ़ माना जाता है। यहां से वह पलामू और चतरा जिले में नक्सली गतिविधियों का संचालन करता है।
घायल जवान का इलाज जारी, ऑपरेशन तेज
पुलिस अधिकारियों के अनुसार घायल जवान को बेहतर चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। वहीं, शहीद जवानों के पार्थिव शरीर को सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक गांव भेजने की तैयारी की जा रही है।
इधर, सुरक्षाबलों ने जंगल के बड़े हिस्से को सील कर दिया है और नक्सलियों की तलाश में कंबिंग ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
पलामू नक्सल समस्या और सुरक्षा बलों की चुनौती
पलामू, चतरा और लातेहार का इलाका लंबे समय से नक्सल प्रभावित क्षेत्र माना जाता है। यहां टीपीसी, भाकपा (माओवादी) जैसे उग्रवादी संगठनों की सक्रियता सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती बनी हुई है।
हाल के वर्षों में कई बार ऐसे मुठभेड़ सामने आए हैं, जिनमें सुरक्षाबलों ने बड़ी सफलता हासिल की है, लेकिन जवानों की शहादत ने एक बार फिर इस समस्या की गंभीरता को उजागर किया है।
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