रांची : Jharkhand High Court में इस शुक्रवार को सुनवाई होनी है उस याचिका की, जिसमें Jharkhand Staff Selection Commission (JSSC) की CGL परीक्षा के पेपर लीक आरोपों की जाँच Central Bureau of Investigation (CBI) से कराने की मांग की गई है। सुनवाई से जुड़े अहम बिंदु निम्न हैं:
याचिका का मुख्य बिंदु : CBI जाँच की मांग
उक्त याचिका में यह कहा गया है कि JSSC-CGL परीक्षा में कथित पेपर लीक और भ्रष्टाचार की गहराई का स्तर इतना है कि सिर्फ राज्य स्तरीय जांच पर्याप्त नहीं होगी। याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि परीक्षा प्रक्रिया की निष्पक्षता व भर्ती प्रणाली में उत्पन्न संदेह के मद्देनज़र CBI सम्मिलित हो।
हाईकोर्ट-रोस्टर : शुक्रवार को शीर्ष प्राथमिकता
हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने इस याचिका को पहले नंबर पर सूचीबद्ध किया है। पिछली सुनवाई में बहस लंबी चली थी और शासन-पक्ष तथा सफल अभ्यर्थियों की ओर से दलीलें पेश की गई थीं। सुनवाई तिथि तय करते हुए कोर्ट ने परिणाम प्रकाशन पर जारी रोक को बुधवार की सुनवाई में आगे बढ़ाया था।
जाँच की वर्तमान स्थिति : CID vs CBI
राज्य सरकार ने कोर्ट को सूचित किया है कि Criminal Investigation Department (CID) द्वारा जाँच जारी है। लेकिन याचिकाकर्ताओं एवं कोर्ट ने CID के जाँच स्तर को संतोषजनक नहीं माना है। पिछले सुनवाई में चीफ जस्टिस ने इस जाँच प्रक्रिया पर कड़ी टिप्पणी भी की थी।
परीक्षा-रद्दीकरण और परिणाम पर रोक
JSSC-CGL परीक्षा (2023) के परिणाम पर हाईकोर्ट ने स्थगन आदेश लागू किया हुआ है। पेपर लीक की शिकायत के बाद परीक्षा को रद्द कर पुनरावलोकन हेतु कहा गया था। परिणाम पर चल रही रोक अभी तक बनी हुई है।
अभ्यर्थियों की प्रतिक्रिया और मांगें
उम्मीदवारों ने याचिका में कहा है कि पेपर लीक जैसे आरोपों से उनकी ग्राउंडेड उम्मीदवारी व चयन प्रक्रिया की विश्वसनीयता प्रभावित हो रही है। वे CBI जाँच, जल्द परिणाम प्रकाशन और निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया की मांग कर रहे हैं।
राजनैतिक व प्रशासनिक झलक
इस मामले ने झारखंड की शिक्षा-भर्ती प्रणाली और भर्ती आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्न उठाए हैं। साथ ही, सरकार को परिणाम प्रकाशन में हुई देरी, भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता-अभाव और उम्मीदवारों के हितों के प्रति जवाबदेही जैसे विषयों पर भी जवाब देना होगा।
