Close Menu

    Subscribe to Updates

    Get the latest Poli news from FooBar about art, design and business.

    What's Hot

    JAC Board Result 2025: झारखंड 12वीं बोर्ड की टॉपर बनीं रांची की जिया, टिफिन बांटने वाले पिता की बेटी ने रचा इतिहास

    May 31, 2025

    Dhanbad News: धनबाद में पर्यटन को मिलेगा नया आयाम, 21 नए स्थल होंगे विकसित

    May 31, 2025

    Hazaribagh News: आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली की जेल में संदिग्ध मौत, हत्या या आत्महत्या की जांच में जुटा प्रशासन

    May 31, 2025
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • JAC Board Result 2025: झारखंड 12वीं बोर्ड की टॉपर बनीं रांची की जिया, टिफिन बांटने वाले पिता की बेटी ने रचा इतिहास
    • Dhanbad News: धनबाद में पर्यटन को मिलेगा नया आयाम, 21 नए स्थल होंगे विकसित
    • Hazaribagh News: आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली की जेल में संदिग्ध मौत, हत्या या आत्महत्या की जांच में जुटा प्रशासन
    • Ranchi News: रांची नगर निगम बनाएगा महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट, अब सार्वजनिक स्थलों पर नहीं झेलनी होगी शर्मिंदगी
    • Jharkhand News: JAC 12वीं साइंस और कॉमर्स का रिजल्ट इस तारीख को होगा जारी, ऐसे करें चेक
    • BIT Mesra Placement News: छात्र को Rubrik से मिला 1.45 करोड़ का इंटरनेशनल पैकेज
    • झारखंड क्राइम न्यूज: शादी की खुशियां मातम में बदलीं, हर्ष फायरिंग से युवक की दर्दनाक मौत
    • Hazaribagh News: एनटीपीसी डीजीएम गौरव हत्याकांड में एक और आरोपी गिरफ्तार, भारी मात्रा में हथियार बरामद
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Lok Chetna
    • Home
    • Jharkhand
      • Bokaro
      • Chatra
      • Deoghar
      • Dhanbad
      • Dumka
      • East Singhbhum
      • Garhwa
      • Giridih
      • Godda
      • Gumla
        • Hazaribagh
        • Jamtara
        • Khunti
        • Koderma
        • Latehar
        • Lohardaga
        • Pakur
        • Palamu
        • Ramgarh
        • Ranchi
        • Sahibganj
        • Saraikela Kharsawan
    • Bihar
    • Delhi
    • Opinion
    • Sports
    • About Us
      • Privacy Policy
      • Terms and Conditions
      • Contact Us
    Lok Chetna
    Home » मार्क्स और डार्विन
    Opinion

    मार्क्स और डार्विन

    LokchetnaBy LokchetnaFebruary 28, 2024No Comments17 Views
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn WhatsApp Reddit Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    सुशोभित

    19वीं सदी के दो मेधावी-मस्तक कार्ल मार्क्स और चार्ल्स डार्विन समकालीन भी थे।

    वास्तव में, वर्ष 1859 में जब डार्विन की युगान्तकारी किताब ‘ओरिजिन ऑफ़ स्पीशीज़’ प्रकाशित हुई, उसी साल मार्क्स की भी महत्त्वपूर्ण पुस्तक ‘क्रिटीक ऑफ़ पॉलिटिकल इकोनॉमी’ आई थी।

    मार्क्स ने तुरंत पहचान लिया कि डार्विन ने अपनी थ्योरी में द्वंद्वात्मक, वैज्ञानिक और भौतिकवादी रीति का परिचय दिया है और एंगेल्स को पत्र लिखकर उन्होंने कहा कि यह थीसिस हमारी सोशल साइंस के लिए काम की साबित हो सकती है।

    डार्विन ने क्रिएशनिज़्म का खण्डन कर दिया था। उन्होंने सिद्ध कर दिया था कि ईश्वर ने मनुष्यों की ‘रचना’ नहीं की है- जैसा कि सदियों से माना जाता रहा था- बल्कि मनुष्य समय की एक लम्बी, धीमी प्रक्रिया में ‘इवॉल्व’ हुए हैं।

    मनुष्य आज जैसे दिखाई देते हैं, वैसे हमेशा से नहीं थे। ‘एवॅल्यूशन’ की चक्की बहुत मंथर गति से ही सही, लेकिन बहुत महीन पीसती है। इसी के चलते संसार की सारी जैविक प्रक्रियाएँ परिवर्तनशील हैं, म्यूटेबल हैं।

    जबकि क्रिएशनिज़्म का मत था कि ईश्वर ने मनुष्य को अपने ही रूप में, अपनी श्रेष्ठ और पूर्ण कृति की तरह रचा है और एक अर्थ में मनुष्य इस पृथ्वी पर ईश्वर का स्वघोषित प्रतिनिधि था, उसे प्रकृति के दूसरे संसाधनों, प्राणियों पर स्वाभाविक ही एक अधिकार-बोध प्राप्त था।

    डार्विन ने अपनी सघन-गवेषणा से इस मनगढ़ंत मत की धज्जियाँ उड़ा दी थीं। ईश्वर का पुत्र बंदर का पुत्र साबित हुआ! चर्च की चूलें हिल गईं।

    यहाँ ‘चर्च’ को दुनिया के तमाम धर्मों की प्रतिनिधि-संस्था की तरह देखें (‘स्टेट’ बनाम ‘चर्च’ के परिप्रेक्ष्य में- जो प्रकारान्तर से राजनीति और धर्म का युग्म है), क्योंकि एक सृष्टा के रूप में ईश्वर का विचार सभी धर्मों के मूल में है।

    यह धर्मों में निहित बौद्धिक आलस्य का परिणाम है कि अनुल्लंघ्य नियमों से अनवरत संचालित होने वाली सृष्टि तो उन्हें दिखलाई देती है, लेकिन उसकी अंत:क्रियाओं का परीक्षण करने के बजाय वे पहले ही यह मान बैठते हैं कि सृष्टि को किसी सृष्टा ने रचा है।

    इतना ही नहीं, वे उस कपोल-कल्पित सृष्टा के रूप-स्वरूप, आकार-प्रकार, नियम-क़ानून और उसके दूतों-प्रतिनिधियों की भी कल्पना कर बैठते हैं।

    वैज्ञानिक बुद्धि से अनुशासित मस्तिष्क इस तरह से कभी नहीं सोच सकता। वह तो सृष्टि को संचालित करने वाले नियमों की डटकर पड़ताल करने के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुँचना चाहेगा और तब तक अपने निर्णयों को स्थगित रखेगा।

    सृष्टि को संचालित करने वाले इन्हीं नियमों में से एक- ‘एवॅल्यूशन’ या ‘नेचरल सिलेक्शन’- को डार्विन ने खोज निकाला था। वह अकाट्य था। वर्षों बाद कार्ल सैगन ने इस पर चर्चा करते हुए कहा था कि “हम कितने मूढ़ थे जो हमें यह पहले नहीं सूझा!” क्योंकि यह इतना ‘ऑब्वियस’ जो था। इतना तार्किक।

    ‘एवॅल्यूशन’ का महल धर्म, ईश्वर और मेटाफिजिक्स के मलबे पर बनाया गया था- यह बात कार्ल मार्क्स को रुचिकर मालूम हुई थी।

    ऑर्गेनिक नेचर में जिस म्यूटेबिलिटी की खोज डार्विन ने की थी, वह उन्हें सामाजिक संरचनाओं में द्वंद्वात्मकता के फलस्वरूप घटित होने वाले परिवर्तनों के अपने विचार के अनुकूल जान पड़ी थी।

    हालाँकि डार्विन इस बात के प्रति सतर्क थे कि जैविकी और सामाजिकी दो भिन्न क्षेत्र हैं और एक के नियम दूसरे पर लागू नहीं हो सकते। डार्विन स्वयं अनीश्वरवादी थे, लेकिन सार्वजनिक रूप से ईश्वर का मुखर-निषेध करने से बचते थे।

    डार्विनवादियों में ईश्वर के प्रश्न पर यह नरम रुख़ तब से अब तक क़ायम रहा है- सिवाय रिचर्ड डॉकिन्स के- जो कि धुर-नास्तिक हैं। डार्विन के विपरीत मार्क्स कहीं रैडिकल-एथीस्ट थे और इससे पहले कान्ट के अज्ञेयवाद और हेगेल की मेटाफिजिक्स की आलोचना कर चुके थे।

    1873 में जब ‘कैपिटल’ का पहला खण्ड प्रकाशित हुआ तो मार्क्स ने उसकी एक सौजन्य-प्रति डार्विन को भिजवाई। उस पर दस्तख़त करते हुए मार्क्स ने कहा कि “मैं आपका बड़ा प्रशंसक हूँ।

    “डार्विन ने जवाबी ख़त भेजा कि “काश मैं आपकी इस भेंट के योग्य होता, लेकिन मैं आपकी पुस्तक को पाकर बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूँ।” अलबत्ता डार्विन ने ‘कैपिटल’ को पढ़ने की ज़ेहमत नहीं उठाई थी। इसके दो कारण थे।

    एक, वे जर्मन भाषा बहुत अच्छी तरह से नहीं जानते थे। दो, पोलिटिकल-इकोनॉमी में उनकी अधिक रुचि नहीं थी।

    वर्षों बाद कॉमरेड व्ला. इ. लेनिन ने अपने एक लेख में मार्क्स और डार्विन दोनों के महत्त्व को समान रूप से स्वीकारते हुए लिखा कि “जैसे डार्विन ने जैविकी की अंदरूनी प्रक्रियाओं की खोज करके उनमें एक अनुक्रम स्थापित किया था, उसी तरह से मार्क्स ने हमें बताया था कि इतिहास मनुष्यों के जीवन का यांत्रिक संकलन भर नहीं है, उसमें एक अंत:क्रिया है, और उसका आधार अनियमित, अराजक नहीं, बल्कि पूर्णतया वैज्ञानिक और द्वंद्वात्मक है!”

    लेखक : देश के जाने-माने पत्रकार हैं

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Telegram Email
    Lokchetna
    • Website

    Related Posts

    भगवान बिरसा मुंडा, जिनके ‘उलगुलान’ ने कर दिया था अंग्रेजी राज के खात्मे का ऐलान

    November 15, 2024

    झारखण्ड में हेमन्त बनाम हिमंत का बना नैरेटिव : फायदे में भाजपा

    September 12, 2024

    क्लासिक हैं एसएच बिहारी के लिखे गाने

    February 28, 2024
    Leave A Reply Cancel Reply

    Top Posts

    हजारीबाग मार्ग स्थित टीपी 5 के पास, आपस में तीन गाड़ी टकराये एक की हालत गंभीर

    February 21, 2025111

    चंपई सोरेन ने दिए संकेत: सम्मान मिला तो बीजेपी में जाने का विकल्प खुला!

    August 18, 202493

    Jharkhand News: JAC 12वीं साइंस और कॉमर्स का रिजल्ट इस तारीख को होगा जारी, ऐसे करें चेक

    May 30, 202572

    Ranchi News: सिरमटोली फ्लाईओवर विवाद में एनसीएसटी ने तीन अधिकारियों को भेजा समन, 29 मई को दिल्ली तलब

    May 25, 202571
    Don't Miss
    Education

    JAC Board Result 2025: झारखंड 12वीं बोर्ड की टॉपर बनीं रांची की जिया, टिफिन बांटने वाले पिता की बेटी ने रचा इतिहास

    By LokchetnaMay 31, 202555

    रांची: झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) द्वारा जारी किए गए 12वीं साइंस स्ट्रीम के परिणाम में…

    Dhanbad News: धनबाद में पर्यटन को मिलेगा नया आयाम, 21 नए स्थल होंगे विकसित

    May 31, 2025

    Hazaribagh News: आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली की जेल में संदिग्ध मौत, हत्या या आत्महत्या की जांच में जुटा प्रशासन

    May 31, 2025

    Ranchi News: रांची नगर निगम बनाएगा महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट, अब सार्वजनिक स्थलों पर नहीं झेलनी होगी शर्मिंदगी

    May 30, 2025
    Stay In Touch
    • Facebook
    • Twitter
    • Pinterest
    • Instagram
    • YouTube
    • Vimeo

    Subscribe to Updates

    Get the latest Political news from The Pulse of Politics.

    About Us

    Lok Chetna is a news portal committed to bringing impactful stories to the forefront. We focus on social issues, development and awareness to inform and inspire our community toward positive change.

    Facebook X (Twitter) Pinterest YouTube WhatsApp

    JAC Board Result 2025: झारखंड 12वीं बोर्ड की टॉपर बनीं रांची की जिया, टिफिन बांटने वाले पिता की बेटी ने रचा इतिहास

    May 31, 2025

    Dhanbad News: धनबाद में पर्यटन को मिलेगा नया आयाम, 21 नए स्थल होंगे विकसित

    May 31, 2025

    Hazaribagh News: आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली की जेल में संदिग्ध मौत, हत्या या आत्महत्या की जांच में जुटा प्रशासन

    May 31, 2025

    Ranchi News: रांची नगर निगम बनाएगा महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट, अब सार्वजनिक स्थलों पर नहीं झेलनी होगी शर्मिंदगी

    May 30, 2025
    Bihar

    Patna Bomb Blast News: वर्चस्व की लड़ाई में फेंके गए देसी बम, एक मासूम बच्ची घायल

    May 4, 2025

    पप्पू यादव ने हेमंत सोरेन से मांगी Z+ सुरक्षा, लॉरेंस बिश्नोई गैंग से खतरे का दावा

    January 28, 2025

    चप्पल पहनकर ऑफिस पहुंचे सीओ, डीएम ने लगाई कड़ी फटकार

    January 25, 2025

    CM हेमंत सोरेन से मिले पप्पू यादव, बोले, फिर बनेगी गठबंधन की सरकार

    November 6, 2024
    © 2025 Siyasi Khabar. Developed & Hosted by Midhaxa Group
    • Home
    • Terms and Conditions
    • Privacy Policy
    • Contact Us

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.