रांची (झारखंड): राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स (राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान) में अब Laboratory Information Management System (LIMS) की सुविधा शुरू कर दी गई है। यह सुविधा झारखंड की स्वास्थ्य प्रणाली को डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इसके माध्यम से मरीज अपनी पैथोलॉजिकल जांच रिपोर्ट अब ऑनलाइन देख और डाउनलोड कर सकेंगे, जिससे अस्पताल में लंबी कतारों और अव्यवस्था से राहत मिलेगी।
RIMS में LIMS सुविधा से डिजिटल होगी रिपोर्ट डिलीवरी
रिम्स की ओपीडी में प्रतिदिन 2000 से अधिक मरीजों का इलाज होता है, जबकि इनडोर में लगभग 1500 मरीज भर्ती रहते हैं। इतने बड़े पैमाने पर रिपोर्ट प्रबंधन अस्पताल प्रशासन के लिए अब तक एक जटिल कार्य रहा है। कई बार मरीजों को रिपोर्ट के लिए कई बार आना पड़ता था या रिपोर्ट नहीं मिलती थी। लेकिन अब LIMS सिस्टम से सभी रिपोर्ट ऑनलाइन उपलब्ध होंगी।
LIMS से रांची के मरीजों को कैसे मिलेगा फायदा
एलआईएमएस के तहत हर मरीज को एक यूनिक आईडी मिलेगा, जिससे उनकी सभी रिपोर्ट उसी से लिंक हो जाएंगी। इससे रिपोर्ट खोने की समस्या खत्म हो जाएगी और मरीजों को समय पर जांच रिपोर्ट मिल सकेगी। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार, यह सिस्टम न केवल मरीजों की सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की कार्यकुशलता और पारदर्शिता में भी सुधार लाएगा।
अब 250 प्रकार की जांच संभव, रिपोर्ट तुरंत उपलब्ध
रिम्स प्रशासन ने सेंट्रल लैब में 250 प्रकार की पैथोलॉजी जांच की व्यवस्था की है। इनमें ब्लड टेस्ट, यूरिन टेस्ट, लिवर फंक्शन टेस्ट, हार्मोनल जांच, कैंसर स्क्रीनिंग और अन्य विशेष प्रकार की जांच शामिल हैं। रिपोर्ट जैसे ही तैयार होगी, वह डिजिटल एंट्री के माध्यम से मरीज के आईडी से जुड़कर सीधे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर दिखेगी।
डॉक्टरों को तुरंत मिलेगी जांच रिपोर्ट
एलआईएमएस लागू होने से डॉक्टरों को भी तुरंत मरीज की रिपोर्ट उपलब्ध होगी, जिससे इलाज में तेजी लाई जा सकेगी। आपातकालीन मामलों में यह सिस्टम जीवन रक्षक सिद्ध हो सकता है। अब डॉक्टर अपनी स्क्रीन पर मरीज की रिपोर्ट देखकर उसी समय इलाज की दिशा तय कर सकेंगे।
LIMS से रांची में स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता
अस्पताल अधिकारियों का मानना है कि LIMS की शुरुआत से न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि गलत रिपोर्ट की संभावनाएं भी शून्य हो जाएंगी। मरीज रिपोर्ट का इंतजार किए बिना डॉक्टर को दिखा सकेंगे। यह सुविधा स्मार्ट हेल्थकेयर सिस्टम की दिशा में राज्य के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकती है।