Bihar Politics: बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ही मुख्यमंत्री पद के लिए सियासी घमासान शुरू हो गया है।
जदयू के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए उनकी मुख्यमंत्री बनने की ख्वाहिश को ‘ख्याली पुलाव’ करार दिया।
ललन सिंह के इस बयान ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है, जिस पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने भी जोरदार पलटवार किया।
ललन सिंह पर राजद का पलटवार
राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने ललन सिंह के बयान पर कड़ा जवाब देते हुए कहा कि बिहार की जनता ही तय करेगी कि अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा, और तेजस्वी यादव की कुंडली बिहार की जनता पहले ही लिख चुकी है।
उन्होंने दावा किया कि ललन सिंह ने खुद मुख्यमंत्री पद के लिए तेजस्वी यादव को प्रस्ताव दिया था, जिसमें उन्हें उपमुख्यमंत्री बनने का ऑफर भी शामिल था। लेकिन, तेजस्वी ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया, क्योंकि वे जोड़-तोड़ की राजनीति में विश्वास नहीं रखते।
‘2020 में ही बन सकते थे मुख्यमंत्री’
चित्तरंजन गगन ने आगे कहा कि अगर तेजस्वी यादव साजिश की राजनीति में भरोसा रखते, तो वे 2020 में ही मुख्यमंत्री बन गए होते। लेकिन, उन्होंने जनता के आशीर्वाद और समर्थन पर भरोसा किया।
गगन ने ललन सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि जो लोग जनता पर विश्वास नहीं करते, वे ही सत्ता की राजनीति के लिए कुंडली की गणना में लगे रहते हैं।
ललन सिंह का कद और महत्व
ललन सिंह फिलहाल केंद्रीय मंत्री हैं और जदयू के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक माने जाते हैं। वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी हैं और उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं अक्सर सुर्खियों में रहती हैं।
ऐसे में उनके बयान ने बिहार की राजनीति में नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है, जिससे अगले चुनावों की दिशा तय हो सकती है।
इस सियासी घमासान के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि बिहार की राजनीति किस ओर करवट लेती है और किसे जनता का समर्थन मिलता है।
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