रांची (झारखंड): झारखंड प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की नीतिगत दिशा और जनहित से जुड़े मुद्दों पर प्रभावी कार्य योजना तैयार करने के उद्देश्य से कांग्रेस कोटे के मंत्रियों की एक महत्वपूर्ण बैठक राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर के आवास पर आयोजित की गई। यह बैठक झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष केशव महतो कमलेश के निर्देश पर हुई, जिसमें विकास, ग्रामीण कल्याण और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया गया।
कांग्रेस मंत्रियों की बैठक: विकास कार्यों पर केंद्रित रही रणनीति
बैठक में शामिल मंत्रियों ने यह स्पष्ट किया कि झारखंड में कांग्रेस का जनसरोकार आधारित दृष्टिकोण ही पार्टी की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। सभी मंत्रियों ने सरकार में कांग्रेस की भागीदारी को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए योजनाओं की समीक्षा और उनके क्रियान्वयन में तेज़ी लाने का निर्णय लिया।
PESA कानून, मनरेगा, किसानों की ऋण माफी योजना रहे चर्चा के केंद्र में
बैठक में उठे मुख्य मुद्दों में शामिल थे:
- PESA नियमावली की अधिसूचना को जल्द जारी करने पर सहमति बनी, ताकि आदिवासी क्षेत्रों में स्वशासन सुनिश्चित हो सके।
- मनरेगा फंड रिलीज में केंद्र सरकार की देरी को लेकर गहरी चिंता जताई गई। इसके समाधान के लिए केंद्र से संवाद की रणनीति बनी।
- किसानों के लिए प्रस्तावित कर्ज माफी योजना को शीघ्र लागू करने के लिए दबाव बनाने पर सहमति बनी।
- राज्य में सहकारिता आंदोलन को पुनर्जीवित करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूती देने के लिए नीतिगत पहल की गई।
स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा पर भी हुई चर्चा
- राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (RIMS) के विस्तार और अधूरी योजनाओं की समीक्षा की गई।
- गरीब व कमजोर वर्ग के लिए स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के उपायों पर विचार किया गया।
- नगर निकाय चुनावों में पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने की मांग को मजबूती से उठाने की रणनीति बनाई गई।
पार्टी और सरकार के बीच समन्वय पर विशेष जोर
बैठक में यह संकल्प लिया गया कि सरकार में कांग्रेस के मंत्री पार्टी संगठन के साथ समन्वय बनाकर जनहित में तेजी से निर्णय लें। मंत्रियों ने वचनबद्धता जताई कि पारदर्शिता, जवाबदेही और जनभागीदारी के सिद्धांतों पर कार्य करते हुए जनता से किए गए वादों को पूरा किया जाएगा।