रामगढ़: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन के बाद आयोजित श्राद्ध संस्कार भोज 16 अगस्त 2025 को उनके पैतृक गांव नेमरा में भव्य स्तर पर होगा। इस आयोजन में दो लाख से अधिक लोगों के पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद पिछले कई दिनों से नेमरा में रहकर तैयारियों की निगरानी कर रहे हैं।
संथाली परंपरा में दशकर्म पूर्ण, अब संस्कार भोज की तैयारी
शिबू सोरेन का निधन 4 अगस्त 2025 को दिल्ली में हुआ था। 5 अगस्त को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पिता को मुखाग्नि दी थी। संथाली परंपरा के अनुसार 15 अगस्त को दशकर्म संपन्न होने के बाद 16 अगस्त को संस्कार भोज का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन में पारंपरिक व्यंजन, प्रसाद वितरण और आदिवासी सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल होंगे।
CM हेमंत सोरेन ने खुद संभाली तैयारी की कमान
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ई-रिक्शा चलाकर पूरे आयोजन स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि:
- साफ-सफाई और स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था हो
- आगंतुकों के लिए पर्याप्त शौचालय और टेंट तैयार रहें
- बैठने और भोजन के लिए बड़े पंडाल बनाए जाएं
- ट्रैफिक और पार्किंग व्यवस्था सुचारु हो
- सुरक्षा व्यवस्था में किसी तरह की कमी न हो
तीन विशाल पंडालों में एक साथ हजारों लोगों के बैठकर भोजन करने की व्यवस्था की गई है। 300 से अधिक ई-रिक्शा पार्किंग स्थल से आयोजन स्थल तक लोगों को लाने-ले जाने में लगाए जाएंगे। प्रत्येक पार्किंग स्थल पर बायो-टॉयलेट और विश्राम स्थल भी बनाए गए हैं।
नेमरा संस्कार भोज में भारी सुरक्षा इंतजाम
कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा के लिए 10 आईपीएस अधिकारी, 60 डीएसपी, 65 इंस्पेक्टर और 2500 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। धूमकुड़िया में पुलिस कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। भीड़ नियंत्रण और यातायात प्रबंधन के लिए प्रशासन और स्वयंसेवकों की टीमें चौबीसों घंटे सक्रिय रहेंगी।
शिबू सोरेन के जीवन पर प्रदर्शनी और स्मृति दीर्घा
इस आयोजन के साथ ही एक स्मृति दीर्घा और विशेष प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी, जिसमें गुरुजी के जीवन संघर्ष, आदिवासी समाज के उत्थान में उनके योगदान और जनसेवा के इतिहास को प्रदर्शित किया जाएगा। यहां दुर्लभ तस्वीरें और ऐतिहासिक दस्तावेज़ भी देखने को मिलेंगे।
वीवीआईपी अतिथियों के लिए हेलीपैड व्यवस्था
देशभर से आने वाले वीवीआईपी मेहमानों के लिए नेमरा गांव में तीन और गुरुजी के आवास के पास एक हेलीपैड तैयार किया गया है, ताकि अतिथि सीधे आयोजन स्थल तक पहुंच सकें।