सरायकेला-खरसावां (झारखंड): बाबा बैद्यनाथ धाम देवघर की ओर जा रहे श्रद्धालुओं की आस्था उस समय शोक में बदल गई, जब एनएच-32 पर ओडिशा से आ रही एक कार भीषण सड़क हादसे की शिकार हो गई। यह दर्दनाक घटना मंगलवार सुबह नीमडीह थाना क्षेत्र के पितकी गांव के पास घटी, जिसमें एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
एनएच-32 पर सुबह 5 बजे ट्रक से भिड़ी कार
यह हादसा सुबह लगभग 5 बजे हुआ, जब एक तेज रफ्तार ट्रक ने विपरीत दिशा से आ रही कार को सीधी टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार का अगला हिस्सा पूरी तरह से चकनाचूर हो गया। वाहन चला रहे संजय मिहिर (38 वर्ष) की मौके पर ही मृत्यु हो गई। वह ओडिशा के बरगढ़ जिले के बरबली थाना क्षेत्र का निवासी था और अपने दोस्तों के साथ बाबा धाम देवघर दर्शन के लिए निकले थे।
तीन दोस्त गंभीर रूप से घायल, एक की हालत नाजुक
इस देवघर यात्रा हादसे में कार सवार अन्य तीन व्यक्ति – संजीव साहू (38), रोहित मिहिर (45) और राजीव महाकुड़ (44) गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। विशेष रूप से रोहित मिहिर की स्थिति बेहद गंभीर बताई जा रही है। स्थानीय ग्रामीणों और प्रशासन की मदद से घायलों को चांडिल अनुमंडल अस्पताल पहुंचाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए रेफर किया जा सकता है।
पुलिस और ग्रामीणों की तत्परता से बची जानें
घटना की सूचना मिलते ही नीमडीह थाना और चांडिल थाना की पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंची। स्थानीय ग्रामीणों ने घायलों को ऑटो रिक्शा की मदद से अस्पताल भेजा। मृतक का शव एंबुलेंस द्वारा पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण कर मामला दर्ज कर लिया है और ट्रक चालक की तलाश शुरू कर दी गई है।
हादसे ने छोड़ा गहरा प्रभाव, आस्था पर लगा आघात
बाबा बैद्यनाथ धाम की यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं के इस हादसे ने यात्रा सुरक्षा और सावधानी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। श्रावणी मेले के दौरान सड़क पर वाहनों की भारी आवाजाही और तेज रफ्तार ट्रकों की समस्या लंबे समय से सामने आती रही है। यह हादसा यात्रा कर रहे लाखों श्रद्धालुओं के लिए सावधानी की चेतावनी बनकर सामने आया है।
हादसे के बाद पूरे क्षेत्र में शोक का माहौल
यह दुर्घटना जैसे ही स्थानीय लोगों और प्रशासन तक पहुंची, पूरे क्षेत्र में शोक और दहशत का माहौल बन गया। मृतक संजय मिहिर के परिजनों को सूचना दे दी गई है। बाबा धाम यात्रा के दौरान सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर स्थानीय प्रशासन पर भी दबाव बढ़ गया है।
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