पलामू: पलामू ज़िले के रेहला थाना क्षेत्र में पुलिस महकमे से जुड़ा एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। बिश्रामपुर के एसडीपीओ आलोक कुमार टूटी को रात में गश्ती के दौरान रेहला थाना में प्रवेश से रोका गया, जिसके बाद पूरे प्रकरण ने तूल पकड़ लिया। मामले की संवेदनशीलता और अनुशासनहीनता को देखते हुए पलामू की पुलिस अधीक्षक (SP) डॉ. रीष्मा रमेशन ने रेहला थाना प्रभारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
पलामू पुलिस खबर: SDPO को थाना में प्रवेश से रोका गया, ताला लगाकर किया गया बाधित
यह घटना शनिवार रात्रि की है, जब एसडीपीओ आलोक कुमार टूटी अवैध बालू तस्करी के खिलाफ अभियान चला रहे थे। अभियान के दौरान एक ट्रैक्टर को जब्त किया गया और उसे लेकर वे रेहला थाना पहुंचे। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से थाना परिसर का मुख्य गेट बंद था और उसमें ताला लगा हुआ था।
एसडीपीओ ने जब थाने में मौजूद पदाधिकारी से पूछताछ की तो पता चला कि यह ताला थाना प्रभारी के निर्देश पर लगाया गया था। यहां तक कि एसडीपीओ द्वारा कई बार कॉल किए जाने के बावजूद थाना प्रभारी की ओर से कोई जवाब नहीं मिला।
झारखंड पुलिस न्यूज़: SDPO की रिपोर्ट के बाद SP ने लिया बड़ा फैसला
एसडीपीओ आलोक कुमार टूटी ने इस अनुशासनहीन घटना की पूरी रिपोर्ट तैयार कर पुलिस अधीक्षक रीष्मा रमेशन को सौंप दी। रिपोर्ट में न केवल ड्यूटी में लापरवाही का जिक्र था, बल्कि वरिष्ठ अधिकारी के आदेशों की अनदेखी को भी गंभीरता से उठाया गया।
SP रीष्मा रमेशन ने तत्काल संज्ञान लेते हुए रेहला थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि,
“रेहला थाना गढ़वा ज़िले की सीमा से सटा हुआ संवेदनशील क्षेत्र है। इंटर डिस्ट्रिक्ट बॉर्डर पर कार्यरत थानों में प्रशासनिक अनुशासन सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।”
Rehla Thana News: नया थाना प्रभारी गुलशन बिरुआ को सौंपी गई कमान
पलामू एसपी ने रेहला थाना की नई कमान मेदिनीनगर टाउन थाना में कार्यरत सब-इंस्पेक्टर गुलशन बिरुआ को सौंपी है। गुलशन बिरुआ को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे इंटर डिस्ट्रिक्ट सीमावर्ती क्षेत्र में कानून व्यवस्था को सुचारू बनाए रखें और विभागीय अनुशासन को सर्वोपरि रखें।
Jharkhand Crime News: बालू तस्करी बना विवाद की जड़, पुलिसिंग पर उठे सवाल
पूरा मामला अवैध बालू ढुलाई से जुड़ा है, जिस पर कार्रवाई करते हुए एसडीपीओ ने जब्त ट्रैक्टर को थाना में जमा करना चाहा। लेकिन थाने का दरवाजा बंद कर देना एक असामान्य और चिंताजनक स्थिति रही, जिसने पूरे पुलिस प्रशासन की साख पर प्रश्नचिह्न लगा दिया।
झारखंड में अवैध बालू कारोबार पर प्रशासन की सख्ती जारी है, और इस मामले ने यह दर्शा दिया कि जिला पुलिस अब आंतरिक अनुशासन में भी कोई कोताही नहीं बरतेगी।