रांची: हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती के अवसर पर 29 अगस्त को हर साल राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष झारखंड में इसे और खास बनाने के लिए 29 से 31 अगस्त तक राज्य और जिला स्तर पर खेल महोत्सव आयोजित किया जाएगा। खेलकूद एवं युवा कार्य निदेशालय की ओर से जारी जानकारी के अनुसार, इन तीन दिनों में विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं, फिटनेस गतिविधियां और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे।
राष्ट्रीय खेल दिवस पर झारखंड में राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं
इस बार झारखंड में होने वाले खेल दिवस कार्यक्रमों में विभिन्न खेलों की प्रतियोगिताएं होंगी।
- हॉकी और फुटबॉल में लीग और नॉकआउट मुकाबले खेले जाएंगे।
- तीरंदाजी में रिकर्व, कंपाउंड और इंडियन राउंड की स्पर्धाएं होंगी।
- एथलेटिक्स में दौड़ और लंबी कूद शामिल की गई हैं।
- इसके अलावा बैडमिंटन और तैराकी की प्रतियोगिताएं भी कराई जाएंगी।
विजेताओं को प्रोत्साहन के रूप में मेडल, ट्रॉफी और ट्रैकसूट प्रदान किए जाएंगे।
झारखंड में स्वदेशी खेलों को बढ़ावा
कार्यक्रम के दौरान पारंपरिक और स्वदेशी खेलों पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- 30 अगस्त को सभी जिलों में गुल्ली-डंडा, गेंड़ी दौड़, मटका फोड़, रस्साकशी और सिकंदर (टीम गेम) जैसे खेल आयोजित होंगे।
- इसके साथ ही इंडोर गेम्स की भी प्रतियोगिताएं होंगी, ताकि बच्चों और युवाओं में स्थानीय खेलों को लेकर उत्साह बढ़ाया जा सके।
रांची में मुख्य आयोजन स्थल
राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं राजधानी रांची में आयोजित होंगी। इसके लिए कई स्थान तय किए गए हैं –
- फुटबॉल स्टेडियम
- एस्टेट हॉक हॉकी स्टेडियम
- मंदिर मैदान
- विभिन्न ऑडिटोरियम
यहां पर अलग-अलग खेलों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
फिट इंडिया आंदोलन से जुड़े विशेष कार्यक्रम
29 अगस्त की सुबह सभी स्कूलों में प्रार्थना सभा के दौरान फिट इंडिया मूवमेंट से जुड़े कार्यक्रम कराए जाएंगे।
- इसमें बच्चों को शारीरिक गतिविधियों के महत्व के बारे में जागरूक किया जाएगा।
- विभिन्न विभागों और संस्थाओं के खिलाड़ी आपस में दोस्ताना मुकाबले खेलेंगे।
- पुलिस, आईटीबीपी, सेना और अन्य संगठनों के खिलाड़ियों के बीच भी प्रतियोगिताएं होंगी।
खेल दिवस मनाने का उद्देश्य
झारखंड में आयोजित होने वाले इन कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य युवाओं में खेल के प्रति उत्साह और स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाना है। साथ ही, राज्य सरकार का फोकस इस बार पारंपरिक खेलों को नई पहचान दिलाने और उन्हें नई पीढ़ी तक पहुंचाने पर है।