झारखंड के कई जिलों में रविवार आधी रात 12 बजे से पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) द्वारा आम हड़ताल यानी बंद का आयोजन किया गया है। यह बंद सोमवार रात 12 बजे तक प्रभावी रहेगा। बंद की सूचना पर राज्य पुलिस मुख्यालय ने सभी नक्सल प्रभावित जिलों के एसपी को सतर्क रहने और सुरक्षा के कड़े प्रबंध करने के निर्देश जारी किए हैं।
पीएलएफआई का बंद और उसके कारण
पीएलएफआई के केंद्रीय कमिटी सदस्य अमृत होरो ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि बंद का मुख्य कारण 6 अगस्त को गुमला पुलिस द्वारा एक कथित फर्जी एनकाउंटर में पीएलएफआई के कमांडर मार्टिन केरकेट्टा की मौत है। मार्टिन केरकेट्टा, जो 15 लाख रुपये का इनामी था, की हत्या के विरोध में यह बंद बुलाया गया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि बंद के दौरान किसी भी प्रकार का उल्लंघन पीएलएफआई द्वारा सख्ती से दंडित किया जाएगा।
पुलिस मुख्यालय का अलर्ट और सुरक्षा व्यवस्था
झारखंड पुलिस मुख्यालय ने बंद को लेकर पूरी सतर्कता बरतने का आदेश दिया है। पुलिस ने नक्सल प्रभावित जिलों में अतिरिक्त फोर्स तैनात कर निगरानी बढ़ा दी है। सभी थाना और चौकी प्रभारियों को आदेश दिए गए हैं कि वे किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए चौकस रहें और आवश्यकतानुसार वरिष्ठ अधिकारियों को तुरंत सूचित करें।
बंद के दौरान संभावित प्रभाव और सतर्कता
पीएलएफआई के इस बंद का असर मुख्य रूप से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में देखा जा सकता है, जहां यातायात और बाजार कुछ समय के लिए बंद रह सकते हैं। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे बंद के दौरान बेवजह घरों से बाहर निकलने से बचें और शांति बनाए रखें।
झारखंड में नक्सल प्रभावित जिलों की सूची
राज्य के गुमला, लातेहार, पलामू, सिमडेगा, और पश्चिमी सिंहभूम जैसे जिलों को नक्सल प्रभावित माना जाता है। इन इलाकों में पीएलएफआई और अन्य उग्रवादी संगठनों की सक्रियता के कारण सुरक्षा एजेंसियां लगातार सतर्क रहती हैं।
पीएलएफआई और उसकी नक्सली गतिविधियां
पीएलएफआई झारखंड में सक्रिय एक उग्रवादी संगठन है, जो समय-समय पर बंद-हड़ताल और अन्य नकारात्मक गतिविधियों के माध्यम से अपनी मांगें मनवाने का प्रयास करता रहा है। संगठन की यह बंदियां आम जनजीवन को प्रभावित करती हैं और सुरक्षा व्यवस्था के लिए चुनौती पेश करती हैं।
प्रशासन की तैयारियां और जनता के लिए निर्देश
प्रशासन ने बंद के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया है। पुलिस और सुरक्षा बल संवेदनशील इलाकों में पैट्रोलिंग बढ़ाएंगे। साथ ही, लोगों से अपील की गई है कि वे कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें और किसी भी असामाजिक गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
इस बंद से जुड़ी हर जानकारी और अपडेट के लिए स्थानीय प्रशासन और पुलिस विभाग की घोषणाओं पर नजर बनाए रखना जरूरी है।
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