रांची : झारखंड पुलिस मुख्यालय से तीन पुलिसकर्मियों की प्रतिनियुक्ति को लेकर नया आदेश जारी किया गया है। डीजीपी कार्यालय द्वारा 7 अक्टूबर को जारी इस अधिसूचना में तीनों पुलिसकर्मियों को मुख्यालय में कार्यभार ग्रहण करने का निर्देश दिया गया है। यह निर्णय पुलिस व्यवस्था को अधिक सुदृढ़ और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।
डीजीपी कार्यालय से प्रतिनियुक्ति आदेश जारी
राज्य पुलिस महानिदेशक (DGP) के आदेशानुसार, निम्नलिखित पुलिसकर्मियों को उनके वर्तमान पदस्थापनों से स्थानांतरित कर झारखंड पुलिस मुख्यालय, रांची में प्रतिनियुक्त किया गया है।
- एएसआई पुरनचंद साहा – वर्तमान में अपराध अनुसंधान विभाग (CID) में पदस्थापित थे।
- आरक्षी श्याम बिहारी राय – सिमडेगा जिला बल में कार्यरत थे।
- आरक्षी राकेश कुमार – लातेहार जिला बल में कार्यरत थे।
इन तीनों अधिकारियों को झारखंड पुलिस मुख्यालय में प्रतिनियुक्त कर प्रशासनिक कार्यों में योगदान देने हेतु निर्देशित किया गया है।
पुलिस प्रशासन में दक्षता बढ़ाने की पहल
झारखंड पुलिस मुख्यालय में प्रतिनियुक्त किए गए इन पुलिसकर्मियों की नियुक्ति को राज्य स्तर पर पुलिस प्रशासन की कार्यकुशलता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। पुलिस मुख्यालय में प्रतिनियुक्त कर्मी अक्सर प्रशासनिक समन्वय, अपराध नियंत्रण, और विभिन्न विभागीय गतिविधियों के संचालन में अहम भूमिका निभाते हैं।
झारखंड पुलिस की आंतरिक पुनर्संरचना की प्रक्रिया जारी
पिछले कुछ महीनों से झारखंड पुलिस में कई स्तरों पर पुनर्संरचना और स्थानांतरण की प्रक्रिया जारी है। इसका उद्देश्य न केवल विभिन्न जिलों में पुलिस बल की क्षमता को मजबूत करना है, बल्कि मुख्यालय स्तर पर भी प्रशासनिक कार्यों को सुव्यवस्थित करना है।
इस कदम से राज्यभर में पुलिस बल के बीच कार्य वितरण में संतुलन स्थापित होने की संभावना जताई जा रही है।
पुलिस मुख्यालय में प्रतिनियुक्त कर्मियों की भूमिका
झारखंड पुलिस मुख्यालय में प्रतिनियुक्त कर्मियों की जिम्मेदारी आमतौर पर नीति निर्धारण, राज्य स्तरीय सुरक्षा मामलों की निगरानी, तथा विभागीय समन्वय में सहयोग देना होती है।
इस प्रतिनियुक्ति के बाद संबंधित विभागों में कार्य विभाजन का अद्यतन आदेश जल्द जारी किया जाएगा।
राज्य पुलिस व्यवस्था में निरंतर बदलाव
झारखंड पुलिस विभाग समय-समय पर अपने कर्मियों की नियुक्तियों और स्थानांतरणों के माध्यम से प्रशासनिक दक्षता को सशक्त बनाने का कार्य करता रहा है।
राज्य स्तर पर अपराध नियंत्रण, सूचना संकलन और तकनीकी सुदृढ़ीकरण के लिए भी लगातार प्रयास जारी हैं।
डीजीपी कार्यालय की इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि विभागीय पुनर्गठन की प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी।
