संशोधित परिणाम से बड़ी संख्या में अभ्यर्थी हुए बाहर
रांची : झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा 7 सितंबर को जारी कक्षा 1 से 5 शिक्षक भर्ती का संशोधित रिजल्ट अब विवादों में घिर गया है। इस संशोधित परिणाम के बाद बड़ी संख्या में अभ्यर्थी चयन सूची से बाहर हो गए हैं, जबकि 12 अगस्त को जारी नतीजे में वे सफल घोषित किए गए थे।
हाईकोर्ट में दायर याचिका
इस मामले को लेकर अभ्यर्थियों ने झारखंड हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अधिवक्ता चंचल जैन के माध्यम से याचिकाकर्ता सुदामा कुमार ने याचिका दायर कर आयोग के निर्णय को चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश Govt. of NCT of Delhi & Others v. Pradeep Kumar & Others (Civil Appeal No. 8259 of 2019) का हवाला देकर याचिकाकर्ता को चयन सूची से बाहर कर दिया।
अभ्यर्थियों का पक्ष
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि उन्होंने JTET में किसी भी प्रकार की छूट का लाभ नहीं लिया है और 60% से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। इसके बावजूद उन्हें न तो आरक्षित श्रेणी में स्थान दिया गया और न ही अनारक्षित श्रेणी में शामिल किया गया।
याचिका में यह भी कहा गया है कि उन्होंने BC-II आरक्षित वर्ग के अंतिम चयनित अभ्यर्थी से भी अधिक अंक हासिल किए हैं। ऐसे में आयोग का निर्णय अनुचित और अन्यायपूर्ण है।
सुप्रीम कोर्ट आदेश पर उठाए सवाल
याचिकाकर्ता का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश उन अभ्यर्थियों पर लागू नहीं होता जिन्होंने 60% से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। इसके बावजूद आयोग ने संशोधित परिणाम में उन्हें बाहर कर दिया। अभ्यर्थियों का मानना है कि यह निर्णय नियमों और न्यायसंगत प्रक्रिया के विरुद्ध है।
विवाद बढ़ने की संभावना
JSSC शिक्षक भर्ती संशोधित परिणाम पर उठ रहे सवालों ने अभ्यर्थियों में असंतोष पैदा कर दिया है। बड़ी संख्या में अभ्यर्थी इस निर्णय के खिलाफ लामबंद हो रहे हैं। अब देखना होगा कि इस मामले में हाईकोर्ट क्या फैसला सुनाता है।