रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो के संस्थापक शिबू सोरेन (दिशोम गुरु) के निधन के बाद राज्य सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और किसी भी सरकारी समारोह का आयोजन नहीं किया जाएगा।
झारखंड सरकार का बड़ा फैसला

सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि 4, 5 और 6 अगस्त को सभी सरकारी कार्यालयों में शोक की अवधि रहेगी। इस दौरान सभी विभागों को निर्देश दिया गया है कि राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका रखा जाए और कोई भी सरकारी आयोजन न किया जाए।
शिबू सोरेन का राजनीतिक सफर
शिबू सोरेन झारखंड की राजनीति के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक थे। उन्होंने 38 से अधिक वर्षों तक झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) का नेतृत्व किया और झारखंड आंदोलन को नई दिशा दी।
वे तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे। पहली बार 2 मार्च 2005 को मुख्यमंत्री बने, लेकिन बहुमत साबित न कर पाने के कारण 12 मार्च 2005 को इस्तीफा देना पड़ा। दूसरी बार 27 अगस्त 2008 से 19 जनवरी 2009 तक और तीसरी बार 30 दिसंबर 2009 से 1 जून 2010 तक मुख्यमंत्री पद संभाला।
संसद और केंद्र में भी निभाई भूमिका
शिबू सोरेन 8 बार लोकसभा सांसद और 3 बार राज्यसभा सांसद चुने गए। वे केंद्रीय मंत्री के रूप में भी देश की राजनीति में सक्रिय रहे। उन्हें झारखंड और आदिवासी समाज की आवाज के रूप में जाना जाता था, जहां उन्हें ‘दिशोम गुरु’ (देश का गुरु) की उपाधि मिली।
शिबू सोरेन के निधन से झारखंड की राजनीति और आदिवासी समाज को गहरा आघात पहुंचा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित कई नेताओं ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। पूरे राज्य में शोक की लहर है और लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए इंतजार कर रहे हैं।
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