RANCHI (JHARKHAND): झारखंड में महिला सुरक्षा को लेकर पुलिस विभाग ने एक नया और प्रभावी कदम उठाया है। राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) अनुराग गुप्ता ने अब महिलाओं को सीधे उनसे संपर्क कर शिकायत दर्ज कराने की सुविधा दी है। महिलाएं अब dgp@jhpolice.gov.in पर ईमेल भेजकर सीधे डीजीपी से अपनी बात साझा कर सकेंगी। इस पहल को राज्य में महिला सुरक्षा की दिशा में बड़ा बदलाव माना जा रहा है।
महिला सुरक्षा शिकायत के लिए ईमेल की सुविधा
झारखंड पुलिस के डीजीपी ने ऐलान किया है कि कोई भी महिला, नाबालिग बच्ची या यौन उत्पीड़न की शिकार पीड़िता अपनी शिकायत सीधे पुलिस मुख्यालय को भेज सकती है। इससे जिला पुलिस पर निर्भरता घटेगी और पुलिस मुख्यालय स्तर से तत्काल कार्रवाई संभव हो सकेगी। डीजीपी गुप्ता के अनुसार, यह सुविधा महिलाओं को सशक्त बनाएगी और उनके अधिकारों की रक्षा करेगी।
महिला सुरक्षा को प्राथमिकता, सभी एसपी को निर्देश
महिला सुरक्षा झारखंड में प्राथमिक एजेंडा बन चुकी है। इसी दिशा में डीजीपी ने सभी जिला पुलिस अधीक्षकों (SPs) को निर्देश जारी किए हैं कि वे महिलाओं की सुरक्षा, उत्पीड़न के मामलों की जांच और पीड़ितों की मदद में तत्पर रहें। इसके अलावा डायल 100 और डायल 112 जैसी आपात सेवाओं को और अधिक सक्रिय करने के निर्देश दिए गए हैं।
सरकारी कर्मियों पर भी होगी कड़ी कार्रवाई
डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी, पुलिसकर्मी, शिक्षक या पंचायत सेवक महिला या बच्ची के साथ दुर्व्यवहार या उत्पीड़न में शामिल पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी पद पर बैठे व्यक्ति को रियायत नहीं दी जाएगी, और ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
झूठी शिकायतों पर भी सख्त चेतावनी
डीजीपी ने ईमेल शिकायत सुविधा को लेकर यह भी स्पष्ट किया कि इसका दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अब तक प्राप्त लगभग 90% शिकायतें सही पाई गई हैं, लेकिन कुछ मामलों में निजी दुश्मनी या बदले की भावना से झूठे आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने एक जमशेदपुर केस का उदाहरण देते हुए कहा कि दो रिश्तेदारों के आपसी विवाद को छेड़छाड़ का मामला बना दिया गया था।
शिकायत के सत्यापन के बाद होगी त्वरित कार्रवाई
डीजीपी अनुराग गुप्ता ने स्पष्ट किया कि हर शिकायत की जांच और सत्यापन अनिवार्य होगा। यदि शिकायत सत्य पाई जाती है, तो आरोपी के खिलाफ त्वरित और कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह प्रणाली न केवल पीड़ितों को न्याय दिलाएगी, बल्कि महिला सुरक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और विश्वास को भी बढ़ाएगी।