रांची। झारखंड के वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने झारखंड विधानसभा परिसर में भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की आदमकद प्रतिमा स्थापित करने की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष को औपचारिक रूप से ज्ञापन सौंपा है और इसे सामाजिक न्याय, समानता तथा लोकतंत्र की मूल भावना का प्रतीक बताया है।
डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को लेकर विधायी पहल
वित्त मंत्री ने अपने ज्ञापन में कहा कि डॉ. अंबेडकर केवल संविधान निर्माता नहीं थे, बल्कि सामाजिक क्रांति और परिवर्तन के अग्रदूत थे। उन्होंने जातिगत भेदभाव, छूआछूत और सामाजिक विषमता के विरुद्ध जीवनभर संघर्ष किया और भारत को एक समतामूलक राष्ट्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
राधा कृष्ण किशोर ने कहा कि झारखंड विधानसभा जैसे लोकतांत्रिक संस्थान में बाबा साहेब की प्रतिमा स्थापित करना न केवल उनके योगदान का सम्मान होगा, बल्कि सामाजिक न्याय में विश्वास रखने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत भी बनेगा।
अंबेडकर के विचारों से जुड़ा भारत का संविधान
डॉ. अंबेडकर का सबसे बड़ा योगदान भारतीय संविधान है, जो हर नागरिक को समानता, स्वतंत्रता और न्याय का अधिकार देता है। संविधान के माध्यम से उन्होंने न सिर्फ दलितों, बल्कि महिलाओं, श्रमिकों और किसानों के अधिकारों की भी प्रभावशाली रूप से रक्षा की। विधानसभा में प्रतिमा लगाने की मांग को संविधान की मूल भावना से जोड़ते हुए वित्त मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि यह पहल झारखंड की सामाजिक चेतना को और मजबूत करेगी।
झारखंड विधानसभा परिसर में प्रतिमा स्थापना की तात्कालिकता
मंत्री ने इस मुद्दे को तात्कालिक बताते हुए कहा कि देशभर में सरकारी परिसरों, शिक्षण संस्थानों और न्यायालयों में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमाएं स्थापित हैं, लेकिन झारखंड विधानसभा परिसर अब तक इससे वंचित है। ऐसे में यह प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि ऐतिहासिक न्याय का प्रतीक बन सकता है।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि बाबा साहेब का जीवन संघर्ष और विचारधारा आज भी देश को सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में मार्गदर्शक है। उनकी प्रतिमा विधानसभा परिसर में स्थापित करना लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा का संकेत होगा।
राजनीतिक और सामाजिक हलकों में समर्थन की उम्मीद
इस मांग के बाद राज्य के राजनीतिक और सामाजिक संगठनों में इसे लेकर हलचल तेज हो गई है। दलित संगठनों समेत कई सामाजिक न्याय से जुड़े समूहों ने इस पहल का समर्थन जताया है और उम्मीद की जा रही है कि इस प्रस्ताव को जल्द ही सकारात्मक निर्णय के साथ लागू किया जाएगा।