रांची: झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र लगातार हंगामे की भेंट चढ़ता जा रहा है। मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक एक बार फिर वेल में पहुंच गए और जोरदार नारेबाजी करने लगे। इसी हंगामे के बीच सदन में एजी (महालेखा परीक्षक) की रिपोर्ट पेश की गई। हालांकि, शोर-शराबे के चलते विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो को कार्यवाही को दोपहर दो बजे तक स्थगित करना पड़ा।
झारखंड विधानसभा मॉनसून सत्र में उठा विवाद
सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने आ गए। विपक्ष ने सूर्या हांसदा एनकाउंटर और रिम्स-2 प्रोजेक्ट को लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए। दूसरी ओर, सत्ता पक्ष 130वें संविधान संशोधन विधेयक को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर रहा।
सदन की कार्यवाही में बार-बार रुकावट
सुबह की कार्यवाही के दौरान विपक्षी विधायकों ने वेल में पहुंचकर पोस्टर लहराए और सरकार विरोधी नारेबाजी की। इस दौरान पोस्टर फाड़कर फेंकने की घटनाएं भी सामने आईं। हंगामे के चलते कार्यवाही को पहले 12.30 बजे तक स्थगित किया गया था, लेकिन दोबारा शुरू होते ही फिर से हंगामा शुरू हो गया।
AG की रिपोर्ट पेश, लेकिन चर्चा अधूरी
विधानसभा सचिवालय की ओर से निर्धारित एजेंडे के तहत मंगलवार को AG की ऑडिट रिपोर्ट सदन में रखी गई। हालांकि, विपक्ष और सत्ता पक्ष की जोरदार नारेबाजी और वेल में हंगामे के कारण रिपोर्ट पर किसी भी तरह की चर्चा संभव नहीं हो पाई।
विपक्ष का आरोप और सत्ता पक्ष का रुख
- विपक्ष का कहना है कि सूर्या हांसदा की मौत संदिग्ध हालात में हुई है और इसे एनकाउंटर बताकर सरकार बचाव कर रही है। विपक्ष ने इस पूरे मामले की CBI जांच की मांग को दोहराया।
- सत्ता पक्ष ने केंद्र सरकार पर 130वें संविधान संशोधन के जरिए राज्य के अधिकारों को कमजोर करने का आरोप लगाया और इसे तत्काल वापस लेने की मांग की।
झारखंड की राजनीति में गरमी बढ़ी
झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र का दूसरा दिन लगातार टकराव और राजनीतिक विवाद का गवाह बना। हंगामे के कारण एजेंडे के अहम मुद्दों पर चर्चा नहीं हो पाई। लगातार स्थगन से यह साफ है कि आने वाले दिनों में भी सदन का माहौल तनावपूर्ण रहने की संभावना है।
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