Ranchi News: झारखंड हाईकोर्ट ने रांची के प्रमुख जलस्रोतों – बड़ा तालाब, कांके डैम और धुर्वा डैम के आसपास हो रहे अतिक्रमण को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। अदालत ने राज्य सरकार के शहरी विकास और जल संसाधन विभाग के सचिवों, रांची उपायुक्त और नगर निगम प्रशासक को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया था।
Jharkhand High Court ने दिए fencing और no-entry zone के आदेश
मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि तालाबों और डैम के कैचमेंट क्षेत्रों में सभी अतिक्रमणों को तुरंत हटाया जाए। अदालत ने कहा कि इन क्षेत्रों को “नो एंट्री जोन” घोषित कर कंटीले तारों से घेराबंदी (fencing) की जाए, ताकि भविष्य में कोई अवैध निर्माण न हो सके।
बड़ा तालाब और डैम क्षेत्र में अतिक्रमण का मामला
यह सुनवाई जनहित याचिका (PIL) पर हो रही है, जिसमें बताया गया कि बड़ा तालाब, कांके डैम और धुर्वा डैम की जमीन पर अवैध कब्जे लगातार बढ़ रहे हैं। याचिका में आरोप लगाया गया कि इन जलस्रोतों के आसपास मल्टी-स्टोरी बिल्डिंग्स और अवैध निर्माण किए जा रहे हैं, जिससे इन जलाशयों की प्राकृतिक बहाव प्रणाली प्रभावित हो रही है।
हाईकोर्ट ने चेताया – जल संकट और पर्यावरणीय खतरा बढ़ सकता है
याचिकाकर्ता ने चेतावनी दी कि यदि अतिक्रमण नहीं रोका गया, तो रांची शहर में भविष्य में गंभीर जल संकट और पर्यावरणीय असंतुलन की स्थिति बन सकती है। अदालत ने कहा कि केवल रिपोर्ट देने से काम नहीं चलेगा, जमीनी स्तर पर ठोस कार्रवाई दिखनी चाहिए।
अगली सुनवाई 22 अगस्त को
हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त 2025 को तय की है। अदालत ने अधिकारियों से कहा कि अगली सुनवाई तक अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के ठोस परिणाम प्रस्तुत करें।
इसे भी पढ़ें
Jharkhand News: प्रार्थी पर 25 लाख रुपए का जुर्माना, हाई कोर्ट ने सक्षम न्यायालय में जाने की दी सलाह