पलामू : झारखंड के पलामू जिले के विश्रामपुर प्रखंड के राजखाड़ गांव में सोमवार की शाम स्वास्थ्य व्यवस्था की बड़ी लापरवाही उजागर हुई। यहां गर्भवती महिला (Pregnant Woman) को प्रसव पीड़ा होने पर ग्रामीणों ने खाट पर लिटाकर उफनती नदी पार कराई। गांव तक न तो पुल (Bridge) की सुविधा है और न ही समय पर एंबुलेंस (Ambulance Service) उपलब्ध हो सकी।
पुल नहीं होने से गर्भवती महिला को खाट पर लिटाकर पार कराई नदी
जानकारी के अनुसार, राजखाड़ गांव की चंपा देवी को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। लेकिन गांव से सटी धुरिया नदी (Dhuriya River) बारिश के कारण उफान पर थी। पुल या वैकल्पिक व्यवस्था न होने के कारण ग्रामीणों ने महिला को खाट पर लिटाकर नदी पार कराया। इस दौरान पानी लोगों की गर्दन तक पहुंच गया, बावजूद इसके ग्रामीणों ने जोखिम उठाकर महिला को सुरक्षित निकाला।
एंबुलेंस सेवा नहीं मिलने से बढ़ी परेशानी
ग्रामीणों ने बताया कि नदी पार करने के बाद भी उन्हें स्वास्थ्य विभाग (Health Department) से कोई मदद नहीं मिली। कई बार कॉल करने के बावजूद 108 एंबुलेंस सेवा मौके पर नहीं पहुंची। अंततः गांववालों ने आपसी सहयोग और चंदा जुटाकर किसी तरह महिला को अस्पताल पहुंचाया।
बारिश में तीन महीने बाधित रहता है आवागमन
स्थानीय निवासियों ने कहा कि बरसात के दौरान धुरिया नदी का जलस्तर लगातार बढ़ा रहता है। इसकी वजह से तीन महीने तक आवागमन बाधित हो जाता है और गांव पूरी तरह बाकी इलाकों से कट जाता है। जरूरी कार्यों के लिए ग्रामीणों को अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार करनी पड़ती है।
स्वास्थ्य विभाग से संपर्क नहीं हो सका
इस मामले पर जानकारी लेने के लिए जब पलामू सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उनका मोबाइल फोन स्विच ऑफ मिला। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता से हर साल ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
