Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट में गुरुवार को शिक्षकों के इंटर डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर (Inter District Transfer) से जुड़ी याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत ने इस मामले पर राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
शिक्षकों के इंटर डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर को लेकर याचिका
याचिकाकर्ता फणीन्द्र मंडल ने अदालत में दायर याचिका में कहा कि उनके और अन्य कई शिक्षकों के ऑनलाइन आवेदन विभाग द्वारा इस आधार पर खारिज कर दिए गए कि उनके जीवनसाथी सरकारी सेवा में कार्यरत नहीं हैं। उन्होंने दलील दी कि यह निर्णय मनमाना और नियमों के खिलाफ है।
याचिकाकर्ता की दलील और नियमों का हवाला
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता चंचल जैन ने तर्क दिया कि नियम के मुताबिक यदि किसी शिक्षक का जीवनसाथी संविदा (Contractual Service) पर भी कार्यरत है, तो उसे स्पाउसल ट्रांसफर (Spousal Transfer) श्रेणी का लाभ दिया जाना चाहिए। इसके बावजूद विभाग ने आवेदन अस्वीकार कर दिए, जो कि स्थापित नियमों का उल्लंघन है।
न्यायाधीश की पीठ में हुई सुनवाई
इस मामले की सुनवाई झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस आनंद सेन की एकल पीठ में हुई। अदालत ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है और पूरे मामले पर विस्तृत पक्ष रखने का निर्देश दिया है।
ट्रांसफर नीति पर सवाल
इस याचिका के बाद राज्य में शिक्षकों के स्थानांतरण (Teachers Transfer in Jharkhand) नीति पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। बड़ी संख्या में ऐसे शिक्षक हैं जिन्होंने इंटर डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर के लिए आवेदन किया है और उनका कहना है कि विभाग द्वारा मनमानी तरीके से आवेदनों को खारिज किया जा रहा है।