रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए आज का दिन बेहद अहम और चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। एक ओर वह मंईयां सम्मान योजना के तहत झारखंड की महिलाओं को ₹2500 की पहली किस्त प्रदान करेंगे, वहीं दूसरी ओर रांची की MP/MLA कोर्ट में उनके खिलाफ मामले की सुनवाई होनी है।
ईडी समन को नजरअंदाज करने का मामला
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर आरोप है कि उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा भेजे गए 10 समन में से केवल 2 समन पर ही अदालत में पेशी दी। ईडी ने यह समन जमीन घोटाले से जुड़े मामले में पूछताछ के लिए भेजे थे।
हेमंत सोरेन ने अपनी व्यक्तिगत पेशी से छूट की याचिका दायर की थी, जिसे रांची की MP/MLA कोर्ट ने खारिज कर दिया। इसके बाद उन्हें 4 दिसंबर को अदालत में पेश होने का आदेश दिया गया था, जिसे उन्होंने नजरअंदाज किया।
जमीन घोटाले का मामलाईडी के अनुसार, यह मामला रांची के बड़गाईं अंचल से जुड़े जमीन घोटाले से संबंधित है। आरोप है कि हेमंत सोरेन और अन्य आरोपियों ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) और आईपीसी की धारा 174 का उल्लंघन किया है।
ईडी ने बताया कि पूछताछ के लिए हेमंत सोरेन को 14 अगस्त 2023 से लेकर 31 जनवरी 2024 तक कई समन भेजे गए थे। हालांकि, वह केवल दो बार ही पेश हुए।
महत्वपूर्ण तारीखें
- 14 अगस्त 2023: पहला समन जारी
- 19 अगस्त, 1 सितंबर, 17 सितंबर: अन्य समन
- 11 दिसंबर और 29 दिसंबर: समन की अनदेखी
- 4 दिसंबर 2024: कोर्ट का व्यक्तिगत पेशी का आदेश
- 6 जनवरी 2025: आज की सुनवाई
जनता की नजरें कोर्ट पर
इस मामले ने राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर चर्चा को जन्म दिया है। हेमंत सोरेन की सुनवाई झारखंड की राजनीति में बड़ा मोड़ साबित हो सकती है।