हजारीबाग (झारखंड): कारगिल युद्ध में अपनी सेवाएं दे चुके 65 वर्षीय रिटायर्ड फौजी अर्जुन सिंह का शव बुधवार सुबह हजारीबाग जिले के डंडई कला गांव में एक पुल के नीचे मोटरसाइकिल समेत बरामद किया गया। इस घटना ने न केवल पूरे गांव को सन्न कर दिया, बल्कि परिजनों ने इसे साजिशन हत्या करार देते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
अर्जुन सिंह की संदिग्ध मौत ने जगाई पुराने ज़ख्मों की याद
भारतीय सेना के रिटायर्ड फौजी अर्जुन सिंह, जो कारगिल युद्ध के दौरान मैकेनिकल यूनिट में तैनात थे, मंगलवार शाम से लापता थे। बुधवार सुबह जब ग्रामीणों को पुल के नीचे उनका शव मिला तो पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। शव की हालत को देखते हुए परिजन इसे साधारण सड़क दुर्घटना नहीं, बल्कि पूर्व नियोजित हत्या मान रहे हैं।
शव पर मिले गहरे चोटों के निशान, सड़क हादसे की आशंका खारिज
सूचना मिलने पर मुफस्सिल थाना प्रभारी कुणाल किशोर पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। शव को शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज भेजा गया। अर्जुन सिंह के शरीर पर कई गंभीर चोटों के निशान पाए गए, जो परिजनों के संदेह को बल देते हैं। परिवार ने कहा कि दुर्घटना के नाम पर साक्ष्यों को छिपाने का प्रयास किया जा रहा है।
छह साल पहले बेटे की भी हुई थी रहस्यमयी मौत, फिर उठा सवाल
2018 में अर्जुन सिंह के बेटे की मौत भी संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी। उनका शव गांव के ही एक कुएं से बरामद हुआ था, लेकिन वह मामला आज तक अनसुलझा है। अब अर्जुन सिंह की मृत्यु ने उस पुराने ज़ख्म को फिर से हरा कर दिया है और हत्या की आशंका को और गहरा कर दिया है।
परिवार ने विशेष मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम और SIT जांच की मांग की
मृतक के भतीजे आलोक सिंह ने साफ कहा, “यह एक सोची-समझी हत्या है। शव की स्थिति और घटनास्थल के हालात सामान्य नहीं हैं। हम विशेष मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम और SIT जांच की मांग करते हैं ताकि सच्चाई सामने आ सके।”
सेवानिवृत्ति के बाद समाजसेवा में जुटे थे अर्जुन सिंह
2001 में सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद अर्जुन सिंह ने हजारीबाग के सामाजिक संगठनों से जुड़कर जन सेवा का कार्य शुरू किया। वे एक अनुशासित, मिलनसार और मददगार व्यक्ति के रूप में समाज में लोकप्रिय थे। स्थानीय लोग उनकी मौत को एक अपूरणीय क्षति मान रहे हैं।
स्थानीय प्रशासन पर सवाल, अधिवक्ता ने जताई नाराजगी
एक स्थानीय अधिवक्ता ने कहा कि हजारीबाग में इस प्रकार की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं और प्रशासन की निष्क्रियता के कारण अपराधियों का मनोबल बढ़ा है। उन्होंने एसपी से व्यक्तिगत निगरानी और शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की।