Ranchi : हजारीबाग भूमि घोटाला विनय सिंह और विनय चौबे की योजनाबद्ध धोखाधड़ी का उदाहरण है. हाईकोर्ट ने नेक्सजेन के मालिक विनय सिंह की जमानत याचिका रद्द करते हुए यह टिप्पणी की है. अदालत ने कहा कि सरकारी अधिकारी द्वारा निजी स्वार्थ में सरकारी शक्तियों का इस्तेमाल बेहद गंभीर अपराध है, जो समाज की नैतिक संरचना को प्रभावित करता है.
एसीबी की दलील में कहा गया कि यह मामला केवल जमीन विवाद नहीं, बल्कि पद के दुरुपयोग, भ्रष्टाचार और दस्तावेजों में जालसाजी का संगठित अपराध है. जांच के दौरान तत्कालीन अंचल अधिकारी अलका कुमारी ने स्वीकार किया कि तत्कालीन उपायुक्त ने उन्हें विनय सिंह के पक्ष में म्यूटेशन करने के लिए दबाव डाला था.
एसीबी ने यह भी बताया कि जांच में विनय चौबे और उनके पारिवारिक सदस्यों के खातों में विनय सिंह की कंपनी से करोड़ों रुपये ट्रांसफर होने के प्रमाण मिले हैं.
कोर्ट ने कहा कि पहली नजर में यह मामला गंभीर और योजनाबद्ध धोखाधड़ी का उदाहरण है, जिसमें सरकारी तंत्र और कानूनी प्रक्रियाओं का दुरुपयोग किया गया. अदालत ने कहा कि इस तरह के आर्थिक अपराध राष्ट्र के वित्तीय स्वास्थ्य के लिए खतरा हैं.
हाईकोर्ट ने माना कि एसीबी द्वारा पेश किए गए मनी ट्रेल, बैंकिंग लेनदेन और डिजिटल सबूत विश्वसनीय हैं. साथ ही दस्तावेजों में जालसाजी और डिजिटल डेटा मिटाने की कोशिश के प्रमाण भी स्वीकार किए गए. कोर्ट ने माना कि जमानत मिलने पर आरोपी द्वारा सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका है, इसलिए जमानत देने से इनकार किया जाता है.
