गिरिडीह (झारखंड): झारखंड के गिरिडीह जिले में गर्भपात के दौरान एक महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई है। यह घटना बिरनी प्रखंड के जुठाहाआम गांव स्थित एक निजी क्लिनिक में हुई, जहां 25 वर्षीय पूनम देवी की मौत इलाज के दौरान हो गई। मृतका देवघर जिले के गंडाजोरी गांव की रहने वाली थी और हाल में अपने मायके मनकडीहा गांव आई हुई थी।
Giridih News: पेट दर्द की शिकायत पर क्लिनिक पहुंची थी महिला
सूत्रों के अनुसार, पूनम देवी को तेज पेट दर्द की शिकायत के बाद परिजन जुठाहाआम स्थित एक निजी क्लिनिक में लेकर पहुंचे। क्लिनिक में मौजूद एएनएम डोली सिंह और अनिता वर्मा ने जांच के बाद बताया कि गर्भ में पल रहा बच्चा मृत है और गर्भपात कराना जरूरी है। परिजनों को भरोसा दिलाया गया कि प्रक्रिया सामान्य है। लेकिन गर्भपात के दौरान महिला की स्थिति बिगड़ गई और उसे तत्काल रांची रेफर करने की बात कही गई।
रास्ते में हुई मौत, शव लेकर क्लिनिक पहुंचे परिजन
रांची ले जाते समय टाटीझरिया के पास पूनम देवी की मौत हो गई। इसके बाद आक्रोशित परिजन शव लेकर सीधे क्लिनिक पहुंचे और हंगामा शुरू कर दिया। क्लिनिक के बाहर शव रखकर स्थानीय लोगों ने प्रशासन और स्वास्थ्य व्यवस्था के खिलाफ विरोध जताया। मौके पर भरकट्टा ओपी और बिरनी थाना पुलिस पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में लिया। शव को पोस्टमार्टम के लिए गिरिडीह सदर अस्पताल भेजा गया।
एएनएम फरार, पुलिस ने शुरू की जांच
घटना के बाद क्लिनिक में कार्यरत दोनों एएनएम—डोली सिंह और अनिता वर्मा—मौके से फरार हो गईं। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और परिजनों के बयान के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल दोनों महिला स्वास्थ्यकर्मियों की तलाश जारी है।
सवालों के घेरे में ग्रामीण क्लिनिक
इस घटना ने झारखंड के ग्रामीण इलाकों में बिना पंजीकरण और बिना विशेषज्ञ डॉक्टर के संचालित हो रहे निजी क्लिनिकों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बिना किसी विशेषज्ञ की मौजूदगी में गर्भपात जैसी संवेदनशील चिकित्सा प्रक्रिया कराना नियमों का उल्लंघन माना जाता है। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और प्रशासनिक उदासीनता के कारण कई ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे क्लिनिक खुली छूट के साथ काम कर रहे हैं।