सांसद ढुलू महतो का तीखा पलटवार
झारखंड के धनबाद संसदीय क्षेत्र से बीजेपी सांसद ढुलू महतो ने हिलटॉप आउटसोर्सिंग के जीएम कौशल पांडेय को कड़ी फटकार लगाई। यह घटना सिनिडीह गेस्ट हाउस में रैयतों और चौकों के बीच हुई बैठक के दौरान सामने आई, जिसमें सांसद महतो ने कहा:
“उठो, भागो यहाँ से, वरना चटाक से मारकर मुंह तोड़ देंगे।”
इस दौरान उन्होंने पुलिस अधिकारियों को भी निर्देश दिया कि “पहले इनको यहाँ से भगाओ।” सांसद की गुस्साई प्रतिक्रिया से बैठक का माहौल तनावपूर्ण हो उठा।
रैयतों का विरोध और मुआवजे का विवाद
हिलटॉप आउटसोर्सिंग प्रबंधन पर आरोप है कि उसने बिना प्रशासनिक अनुमति के रैयतों की जमीन पर दीवार निर्माण शुरू कर दिया। इससे ग्रामीणों में भारी नाराज़गी पनपी और मुआवजे की मांग के सिलसिले में यह बैठक बुलाई गई। सांसद ने कंपनी पर ये भी आरोप लगाए कि उसने स्थानीय गुंडों से मिलीभगत कर पहले गोलीबारी और बमबाजी की घटनाएं orchestrate की थीं, जिनमें बाघमारा के एसडीपीओ गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
आरोप–प्रत्यारोप की सियासत और दावे
- सांसद महतो ने हिलटॉप प्रबंधन पर “जबरदस्ती जमीन कब्जाने” का आरोप लगाते हुए कहा कि कंपनी ने प्रशासन के आदेशों की अवहेलना की।
- उन्होंने कहा कि आउटसोर्सिंग कंपनी ने रैयतों और जंगलों को सुरक्षित रखने की उनकी मान्यता को चुनौती दी।
इन सत्तावादी प्रथाओं का वह सख्त अंदाज में विरोध कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री से सांसद की युद्ध स्तर की अपील
ढुलू महतो ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर आरोपों की जांच और मुआवजे की उचित राशि जारी करने की मांग की। सांसद ने कहा:
“मुख्यमंत्री जी से आग्रह है कि जल–जंगल–ज़मीन की रक्षा के आपके वादों को निभाएं।”
उनका कहना है कि प्रशासन को त्वरित कार्रवाई करके गलत प्रवृत्तियों को रोका जाना चाहिए।
राजनैतिक तनाव और अगली रणनीति
- इस घटना ने धनबाद में राजनीतिक स्थिरता में नई चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं।
- अब सवाल यह है कि प्रशासन इन गंभीर आरोपों पर क्या कार्रवाई करता है और क्या जांच से कंपनी का पक्ष भी सामने आएगा।
- सांसद की अपील के बाद मुख्यमंत्री और राज्य सरकार की प्रतिक्रिया पर सभी का ध्यान टिका हुआ है।